CG: सहकारी समिति के कर्मचारियों का रसूख देखिए... कई घोटालों में दोषी साबित होने पर भी नहीं हो रही कार्रवाई

CG News: जांजगीर-चांपा के एक सहकारी समिति में किसानों के साथ कई फ्रॉड हुए. कहीं मृतक के नाम पर लोन उठा लिया गया तो कहीं मृतकों के नाम पर पंजीयन कराकर धान बेचा गया. खास बात यह है कि इन सब मामलों में शिकायत और जांच भी हुई, लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं हुई.

Advertisement
Read Time: 4 mins

Scam in Cooperative Society: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जांजगीर-चांपा जिले (Janjgir-Champa) में भ्रष्टाचार की कई अजब कहानियां सामने आमने आई हैं. सेवा सहकारी समिति खिसोरा पंजीयन क्रमांक 893 के प्रबंधक और कंप्यूटर ऑपरेटर ने मिलकर अलग-अलग तरह के कई धांधली को अंजाम दिया है. मृत व्यक्तियों के नाम से केसीसी लोन उठाना, मरे हुए लोगों के नाम पर पंजीयन कर धान बेचना और बोनस लेना, रकबा बढ़ाकर धान बेचना और लोन लेना जैसे कई गंभीर मामले शामिल हैं. इन सभी मामलों में शिकायत भी हुई और बाकायदा जांच भी हुई, लेकिन दोषियों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो सकी है.

ऐसे किया युवा किसान के साथ फ्रॉड

डोंगीपेंड्री गांव के रहने वाले काशीदास पनिका ने बताया कि उनके साथ समिति के प्रबंधक, कंप्यूटर ऑपरेटर, को-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंधक और कैशियर ने मिलकर फ्रॉड किया. यह मामला साल 2023 का है, जब वह केसीसी लोन के लिए गया तो उसे लोन नहीं दिया गया और कहा गया कि लोन का डेट निकल चुका है. इसके बाद युवक काशीदास वापस आ गया. कुछ महीने बाद बैंक के स्टेटमेंट से जब उसे पता चला कि उसके नाम से 84 हजार रुपये लोन लिया गया है तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई.

Advertisement

इसके बाद वह न्याय की गुहार लगाते महीनों दफ्तरों के चक्कर काटता रहा. काशीदास बताते हैं कि उन्होंने थाने के प्रभारी से लेकर आईजी तक और सरपंच से लेकर कलेक्टर तक सभी से लिखित शिकायत की. लेकिन, न्याय के बदले उन्हें जो मिला वो थी जेल की हवा.

Advertisement

आवाज उठाने पर पीड़ित को ही भेजा जेल

मामले के उजागर होने पर सभी मिलकर काशीदास पर राजीनामे के लिए दबाव बनाने लगे और धमकियां देने लगे. लेकिन, जब कासीदास ने मना कर दिया तो उसे झूठे केस में फंसाकर जेल भेज दिया गया. आज भी युवा किसान काशीदास दोषियों को सजा और न्याय मिलने की उम्मीद में बैठा है.

Advertisement

जांच में दोषी पाए जाने पर भी नहीं हुई कार्रवाई

बीते कई वर्षों से घोटालों और गबन के मामले में मीडिया की सुर्खियों में बने रहने वाले सेवा सहकारी समिति का उपार्जन केंद्र क्रमांक 893 के कंप्यूटर ऑपरेटर अरुणा भारद्वाज ने कांदाबई नाम के एक किसान का पंजीयन तो किया, लेकिन गबन करने के इरादे से बैंक खाता नंबर खुद का ऐड कर दिया और मनमाने ढंग से बिचौलियों का धन इस पर्ची पर बचती रही. कंप्यूटर ऑपरेटर शासन के साथ ही किसान कांदाबई को भी चूना लगाती रही. मामले की भनक लगने पर इसकी शिकायत अधिकारियों से की गई. 

जिसके बाद मामले को तूल पकड़ता देख उप पंजीयक ने एक जांच टीम गठित की. तीन महीने के जांच के बाद जांच टीम ने एक रिपोर्ट उप पंजीयक को सौंपा. जांच में शिकायत सही पाई गई, लेकिन दोषियों पर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचाने की कोशिश की जा रही है.

सोसायटी प्रबंधक पर लगे गंभीर आरोप

सोसायटी के प्रबंधक विनोद आदिले ने बैंक मैनेजर के साथ मिलकर मनकेश्वर सिंह नाम से एक ही सत्र में दो बार केसीसी लोन निकाला. इस बात की पुष्टि भी डिप्टी रजिस्ट्रार ने किया है, लेकिन कार्रवाई इस पर भी नहीं की गई. इसी तरह गठित एक जांच टीम ने रिपोर्ट में बताया कि विनोद आदिले द्वारा मर चुके प्रमोद यादव के नाम से धान बेचना, लोन लेना और खाते में फर्जी तरीके से भुगतान करना पाया गया.

सोसायटी प्रबंधक द्वारा घोटाले बाजी की भूख इतने में भी नहीं मिटी और अब गरीबों के राशन में भी घोटाले हो रहे हैं. आपको बता दें कि इसी सेवा सहकारी के द्वारा उचित मूल्य की दुकान का संचालन किया जाता है, जहां पर प्रबंधक के लोगों ने हितग्राहियों से अंगूठा लगवाकर चावल नहीं दिया और पीडीएस का 190 क्विंटल चावल डकार गए. इस मामले मे भी जांच हुई. खाद्य विभाग की जांच टीम ने मामले में लिप्त लोगों को दोषी पाया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

यह भी पढ़ें - रायपुर: मध्य भारत का सबसे बड़ा स्टेडियम है लेकिन पीने का पानी नहीं... आखिर कौन है इसका जिम्मेदार

यह भी पढ़ें - NDTV पड़ताल: इस तालाब पर नगर पालिका ने खर्च कर दिए ₹36 लाख, फिर भी बदबू-गंदगी की भरमार