Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के आदिवासी बाहुल्य सरगुजा जिले (Surguja District) में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों के कामकाज की निगरानी के लिए 220 अधिकारियों की तैनाती की घोषणा की है. यह पहल शिक्षा के मानक को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच की गई है और इसे अगले महीने से लागू किया जाना है.
हो पाएगा ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षा में सुधार
बताया जा रहा कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हाल ही में हुई एक बैठक के दौरान इस निर्णय को अंतिम रूप दिया गया है. जहां इस बात पर जोर दिया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो. शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया सुधार की आवश्यकता वाले क्षेत्रों की पहचान करने के लिए नियमित निरीक्षण और निगरानी की आवश्यकता है. इन अधिकारियों को सरगुजा जिले के स्कूलों का नियमित दौरा करने का काम सौंपा जाएगा. जोकि अपने प्राथमिक भूमिका के तहत शिक्षण पद्धतियों, बुनियादी ढांचे और समग्र शैक्षणिक प्रदर्शन का आकलन करेंगे.
ग्रामीण शिक्षा प्रणालियों की चुनौती...
आदिवासी बाहुल्य सरगुजा जिला जो अपने सांस्कृतिक विरासत के साथ दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के लिए जाना जाता है जहां ग्रामीण शिक्षा प्रणालियों की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें शिक्षकों की कमी और अपर्याप्त सुविधाएं शामिल हैं. इन अधिकारियों की तैनाती का उद्देश्य इन मुद्दों को व्यवस्थित रूप से पूरा करना है.
रोटेशन के तहत अधिकारी करेंगे निगरानी
शिक्षा विभाग की माने तो जिला प्रशासन हर अधिकारी को रोटेशन के आधार पर निगरानी करने के लिए विशिष्ट स्कूल सौंपेगा. जिससे पूरे जिले में व्यापक कवरेज सुनिश्चित हो पाएगी. उन्हें छात्र-शिक्षक अनुपात, कक्षा की स्थिति और शैक्षिक संसाधनों की उपलब्धता जैसे विभिन्न मापदंडों का निष्पक्ष मूल्यांकन करने के लिए मूल्यांकन मानदंडों से लैस किया जाएगा.
इसके अलावा, राज्य सरकार ने इन अधिकारियों द्वारा किए गए प्रारंभिक मूल्यांकन के आधार पर तत्काल बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए धन आवंटित किया है. इसमें स्कूल भवनों को अपग्रेड करने, स्वच्छ पेयजल तक पहुंच सुनिश्चित करने और स्वच्छता सुविधाओं को बढ़ाने के प्रावधान शामिल हैं.
जानिए क्या है उद्देश्य
सरगुजा जिले में सरकारी स्कूलों की निगरानी के लिए 220 अधिकारियों की तैनाती शैक्षिक गुणवत्ता और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के साथ स्कूलों में समय से शिक्षा के साथ बच्चों के बौद्धिक विकास एवं संस्कृति को बढ़ावा देना है. स्कूलों में होंने वाले हर गतिविधियों को रिकॉर्ड करना है जिससे शासकीय स्कूलों को समय के अनुसार आगे बढ़ाने में कोई कसर ना छोड़ी जाए. साथ ही सावधानीपूर्वक योजना और सामुदायिक भागीदारी के साथ सरकार का लक्ष्य छात्रों और शिक्षकों दोनों को सशक्त बनाने वाले अनुकूल शिक्षण वातावरण बनाना है.
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