Drugs Misuse: गरीबों को नहीं मिल रही दवाइयां, यहां झाड़ियों में मिली करोड़ों की औषधियां

Drugs Misuse in Chhattisgarh: कोरिया ड्रग इंस्पेक्टर विकास लकड़ा ने भी माना कि बहुत सारी दवाइयां झाड़ियों में मिली है. इस में मलेरिया किट, इनहेलर और कीमती जीवन रक्षक दवाइयां भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि हम बैच नंबर के आधार पर जांच कर यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि ये दवाइयां किन स्वास्थ्य केंद्रों के लिए भेजी गई थी.

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Drugs Misuse in Korea: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोरिया जिले (Korea District) के बैकुंठपुर (Baikunthpur) से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है.  इस खबर ने जिले के स्वास्थ्य तंत्र को कटघरे में खड़ा कर दिया है. दरअसल, शहर के नुरुल हुदा मैरिज हॉल के पीछे झाड़ियों में बड़ी मात्रा में जीवन रक्षक दवाइयां फेंकी हुई पाई गई हैं.

स्थानीय नागरिकों ने जब इन दवाओं को देखा, तो तत्काल इसकी जानकारी प्रशासन को दी, जिसके बाद हड़कंप मच गया. ये दवाइयां न केवल अत्यधिक महंगी हैं, बल्कि इनमें से ज्यादातर की एक्सपायरी तारीख 2026 से लेकर 2029 तक की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि दवाएं पूरी तरह से उपयोग के लायक है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन सभी दवाइयों पर छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन लिमिटेड (CGMSC) का होलोग्राम साफ़ तौर पर दिखाई दे रहा है. इसका मतलब यह है कि ये दवाइयां सरकारी अस्पतालों में मरीजों को वितरित की जानी थीं, लेकिन इसके बजाय इन्हें झाड़ियों में फेंक दिया गया है.

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कठघरे में जिला स्वास्थ्य विभाग

इसे देखकर साफ कहा जा सकता है कि यह सिर्फ एक साधारण लापरवाही नहीं, बल्कि जनहित के साथ घोर लापरवाही और सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी है. ऐसे में ये सवाल उठता है कि इन दवाइयों को किसने और क्यों यहां फेंका? क्या यह भ्रष्टाचार का मामला है या प्रबंधन की लापरवाह का परिणाम है, यह तो जांच के बाद ही साफ हो पाएगा. लेकिन, इतना तो साफ है कि इस घटना ने जिला स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं.

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जांच में जुटा प्रशासन

इस पूरे मामले पर कोरिया ड्रग इंस्पेक्टर विकास लकड़ा ने भी माना कि बहुत सारी दवाइयां झाड़ियों में मिली है. इस में मलेरिया किट, इनहेलर और कीमती जीवन रक्षक दवाइयां भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि हम बैच नंबर के आधार पर जांच कर यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि ये दवाइयां किन स्वास्थ्य केंद्रों के लिए भेजी गई थी. इसके बाद दोषी का पता लगाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगा.

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ऐसे में आम जनता यह जानना चाहती है कि जब सरकारी संसाधन इस तरह बर्बाद किए जा रहे हैं, तब उनके इलाज के लिए दवाइयों की कमी क्यों होती है. प्रशासन से मांग उठ रही है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों की पहचान कर  उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.

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