Jashpur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जशपुर जिले में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Dev Sai) ने कुम्हारों (Potters) को बिजली से चलने वाले चाक उपलब्ध कराने की पहल की है. इससे इन कारीगरों के घरों में फिर से खुशी लौट आई है. कुम्हारी का पारंपरिक व्यवसाय करने वाले लोगों द्वारा बिजली के चाक की सराहना की जा रही है. आधुनिक तकनीक को अपनाने के बाद दिवाली उत्सव में मिट्टी के दीयों की बढ़ती मांग से इनकी खुशियां बढ़ गई हैं.
काम करने की गति में आई है तेजी
जशपुर में बिजली वाला चाक कुम्हार समुदाय के जीवन को बदल रहा है. इन लोगों के पुराने पहियों की जगह अब बिजली से चलने वाले चाक आ गये हैं. इससे इन्हें शारीरिक श्रम की आवश्यकता भी नहीं होती है. यहां कुम्हार मिट्टी के दीयों और अन्य मिट्टी-आधारित चीजों को बहुत तेज गति से आकार दे रहे हैं. इससे दिवाली के त्योहारी मौसम में उनकी कमाई में वृद्धि हो रही है. जशपुर, रायगढ़ और सरगुजा जिले से मिट्टी के बर्तनों की मांग के साथ पड़ोसी झारखंड राज्य की मांग को पूरा करने की खातिर अधिक समय देना पड़ रहा है.
'उत्पादन और आय हुए दोगुना'
इन कुम्हारों का कहना है कि उन्हें दीपावली त्यौहार की मांग पूरा करने के लिए अब अपने बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. कुम्हारों का दावा है कि बिजली वाली चाक का की मदद से उनका उत्पादन और आय दोगुना हो गया है. उद्योग विभाग के अधिकारी एम एस पैंकरा ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 26 सितम्बर को जशपुर जिले के ग्राम बगिया में 100 कुंभकार शिल्पकारों को नि:शुल्क इलेक्ट्रॉनिक चाक वितरित किया था.
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दिए गए थे निःशुल्क इलेक्ट्रॉनिक चाक
उद्योग विभाग के अधिकारी ने बताया कि जशपुर जिले में 195 ग्रामों में 2236 कुम्भकार परिवारों के 100 शिल्पकारों है. इन सभी को निःशुल्क इलेक्ट्रॉनिक चाक वितरित किया गया है. कारीगरों का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक चाक मिलने से उनके जीवन में बदलाव आया है. साथ ही, अब पहले के अपेक्षा मिट्टी के दीयों समेत मिट्टी आधारित वस्तुओं से तेजी से बनाई जा रही है.
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