छत्तीसगढ़ में हीरे का खजाना! हीरे भंडार मामले में HC में अर्जेंट सुनवाई की तैयारी में विष्णु सरकार

Diamond treasure case: साल 2000 से पहले मध्य प्रदेश की तत्कालीन दिग्विजय सिंह सरकार ने गरियाबंद में हीरे के खनन के लिए टेंडर जारी किया था, लेकिन छत्तीसगढ़ के अलग राज्य बनने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने इस टेंडर को निरस्त कर दिया था.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
C

135 million ton diamond treasure case in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित 135 मिलियन टन के हीरे के भंडार को लेकर विवाद एक बार फिर गरमा गया है. भूपेश बघेल सरकार के बाद अब विष्णुदेव साय (Vishnu Deo Sai) की नई सरकार इस मामले को सुलझाने के लिए हाईकोर्ट में अर्जेंट हियरिंग के लिए याचिका दायर करने की तैयारी में है. सरकारी महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने बताया कि इसके लिए सरकार से सैद्धांतिक सहमति मांगी जा रही है, ताकि मामले में तेजी लाई जा सके.

दिग्विजय सरकार ने खनन के लिए किया था टेंडर जारी

यह विवाद कोई नया नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ के मध्य प्रदेश से अलग होने से पहले का है. साल 2000 से पहले मध्य प्रदेश की तत्कालीन दिग्विजय सिंह सरकार ने गरियाबंद के इस क्षेत्र में हीरे के खनन के लिए टेंडर जारी किया था, लेकिन छत्तीसगढ़ अलग राज्य बनने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने इस टेंडर को निरस्त कर दिया था. तब से यह मामला कानूनी पचड़ों में उलझा हुआ है और लगभग दो दशक बीत जाने के बाद भी कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है.

भूपेश सरकार ने दायर की थी याचिका

पिछली सरकार ने 2022 में भी इसी विवाद को सुलझाने के लिए हाईकोर्ट में अर्जेंट हियरिंग की याचिका लगाई थी, लेकिन पौने दो साल बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो सकी है. अब विष्णुदेव साय सरकार एक बार फिर इस मामले में अर्जेंट सुनवाई की मांग कर रही है, जिससे खनन प्रक्रिया शुरू हो सके.

135 मिलियन टन है विशाल भंडार का अनुमान

गरियाबंद के इस क्षेत्र में हीरे के विशाल भंडार का अनुमान 135 मिलियन टन है, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े हीरा भंडारों में से एक बनाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यहां खनन शुरू होता है तो छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा और राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकते हैं. खनन की संभावनाओं से राज्य सरकार को भी बड़ी आर्थिक लाभ की उम्मीद है.

Advertisement

ये भी पढ़े: साढ़े आठ घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन, JCB बनी रक्षक... वेदा नदी पर तेज बहाव में फंसे 5 लोगों की SDRF ने बचाई जान


खदान शरू होने से स्थानीय लोगो को मिलेंगे रोजगार के अवसर ।

 खनन गतिविधियों से स्थानीय निवासियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। खदानों में श्रमिकों की जरूरत होगी, साथ ही ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक्स, खान प्रबंधन, और अन्य सहायक सेवाओं में भी रोजगार उत्पन्न होंगे, स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा: खनन क्षेत्र के आस-पास के छोटे व्यवसायों जैसे कि होटल, ढाबे, किराना स्टोर, और अन्य सेवाओं की मांग बढ़ेगी। इससे स्थानीय व्यापार को मजबूती मिलेगी और उनकी आय में वृद्धि होगी।