CG Paddy Procurement: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को समाप्त हुए एक महीने से भी अधिक हो गया है, लेकिन अब तक धान खरीदी केंद्रों से पूरी तरह से धान का उठाव नहीं हो पाया है, जिससे धान खरीदी केंद्रों में खुले आसमान के नीचे लाखों क्विंटल धान पड़ा हुआ है, लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है. इससे अनाज के खराब होने की संभावना बढ़ गई है.
छत्तीसगढ़ में इस बार प्रति क्विंटल 3100 रुपए के हिसाब से खरीदी गई है धान
रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में इस बार प्रति क्विंटल 3100 रुपए के हिसाब से धान की खरीदी की गई है. किसानों को धान का पैसा तो मिल गया, लेकिन खरीदी केंद्रों में अभी भी धान का बंपर स्टॉक पड़ा हुआ है. धान का उठाव धीमी गति से होने के कारण प्रति बोरी में लगभग 2 से 3 किलो का सूख रहा है, जिसका का सीधा नुकसान धान उपार्जक केंद्र को होगा.
पहले स्थान पर महासमुंद, जहां की गई 11.04 मीट्रिक टन धान की खरीदी
महासमुंद जिला धान खरीदी में पहले स्थान पर है, जहां 182 धान उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 1 लाख 53 हजार 281 किसानों से 11.04 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई. इसमे से 8 लाख 98 हजार मीट्रिक टन का उठाव हो चुका है, लेकिन 2 लाख 5 हजार मीट्रिक टन धान का उठाव नहीं हुआ है.
धान उठाव में देरी से उपार्जन केंद्रों को प्रति बोरा 2 किलो नुकसान की आशंका
गौरतलब है कि धान खरीदी के समय से ही तीव्र गति से धान का उठाव सतत जारी रहता तो आज तक जिले के विभिन्न धान उपार्जन केन्द्रों में खुले आसमान के नीचे नहीं पड़ा होता. बहरहाल देखना होगा कि अन्नदाताओं के खून पसीने से उपजाया धान कब तक खुले आसमान के नीचे पड़ा रहता है. हालांकि किसानों को उनके हिस्से के पैसे मिल चुके हैं.