छत्तीसगढ़ में धान खरीदी पर संकट ! कर्मचारियों ने शुरू कर दी हड़ताल, अब कैसे बनेगी बात ?

Dhan Kharidi Kendra: धान की फसल (Paddy Crop) की खरीदी के ऐन वक्त पर प्रदेश के कर्मचारियों ने विरोध का मोर्चा खोल दिया है. 4 नवंबर से 7 जिलों के 2058 धान खरीदी केंद्र से 2 हज़ार से ज़्यादा कर्मचारी अपने तीन सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल (Strike) पर बैठे हुए हैं.

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छत्तीसगढ़ में धान खरीदी पर संकट ! कर्मचारियों ने शुरू कर दी हड़ताल, अब कैसे बनेगी बात ?

CG News in Hindi : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में 14 नवंबर से धान खरीदी (Dhan Kharidi) शुरू होना है, जिसको लेकर सरकार की ओर से पूरी तैयारियां कर ली गई है. लेकिन इसी बीच बीते 4 नवंबर से 7 जिलों के 2058 धान खरीदी केंद्र से 2 हज़ार से ज़्यादा कर्मचारी अपने तीन सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल (Strike) पर बैठे हुए हैं. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर (Bilaspur) में ढाई हजार से ज्यादा सहकारी कर्मचारियों ने मोर्चा खोला है.दबाव बनाने के लिए प्रदर्शनकारियों पर FIR करने की धमकी दी जा रही है. हालांकि, इस मामले पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. NDTV संबंधित अधिकारियों से बात करने की कोशिश कर रहा है.

संघ का कहना है कि जब तक इनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक हम यहां डटे रहेंगे. ऐसे में धान खरीदी को लेकर संकट के बादल दिखाई दे रहे हैं. इन मांगों के पूरा न होने पर समिति के कर्मचारियों ने प्रदर्शन को और उग्र करने की चेतावनी दी है.

हड़ताल पर बैठे कर्मचारी.

हड़ताल की वजह से छत्तीसगढ़ में धान खरीदी में रुकावट आ सकती है. क्योंकि, छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने अपनी तीन सूत्रीय मांगों के पूरा न होने पर विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है.

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"आर-पार की लड़ाई" होगी

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस बार सरकार के साथ "आर-पार की लड़ाई" होगी, और उनकी मांगों की अनदेखी पर राज्यव्यापी प्रदर्शन से धान खरीदी की व्यवस्था प्रभावित होगी. उन्होंने कहा की इस दबाव को तोड़ने के लिए प्रदर्शनकारियों धमकाया जा रहा है. दुर्ग में करीब ढाई हजार से अधिक सहकारी कर्मचारियों ने इस आंदोलन का समर्थन करते हुए मोर्चा खोल रखा है.

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ये हैं कर्मचारियों की तीन सूत्रीय मांगें

  • वेतनमान और सुविधाओं में वृद्धि: मध्य प्रदेश शासन की तरह छत्तीसगढ़ की सभी 2058 सहकारी समितियों के कर्मचारियों के वेतन और अन्य सुविधाओं के लिए प्रति वर्ष प्रत्येक समिति को 3 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाए.
  • सेवा नियम 2018 में आंशिक संशोधन और पुनरीक्षित वेतन का लागू करना: सेवा नियम 2018 में कुछ संशोधन कर कर्मचारियों का पुनरीक्षित वेतन लागू किया जाए, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
  •  धान क्षतिपूर्ति: समर्थन मूल्य धान खरीदी वर्ष 2023-24 के लिए तय मानकों को कड़ाई से लागू किया जाए और आगामी वर्ष में धान की क्षतिपूर्ति के रूप में प्रति समिति को 5,000 रुपये दिए जाएं.

पड़ेगा गहरा असर

छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ का यह आंदोलन राज्य के किसानों और धान खरीदी प्रक्रिया पर गहरा प्रभाव डाल सकता है, जिससे सरकार के लिए इन मांगों पर विचार करना महत्वपूर्ण हो जाता है.

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