Chhattisgarh : कांग्रेस के इस पूर्व विधायक की बढ़ सकती है मुश्किलें, गंभीर धाराओं में FIR दर्ज करने इस सख्श ने दिया आवेदन 

Chhattisgarh News : पूर्व विधायक डॉ विनय जायसवाल के खिलाफ पोड़ी थाना में शिकायत हुई है. इनके खिलाफ कई धाराओं में FIR दर्ज करने की मांग की गई है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला? 

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CG News :  छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ विधानसभा के पूर्व विधायक डॉ विनय जायसवाल (Vinay Jaisawal) की मुसीबतें बढ़ सकती हैं. उनके खिलाफ पोड़ी थाना में गंभीर धाराओं के तहत FIR दर्ज करने के लिए चिरमिरी के एक RTI कार्यकर्ता ने आवेदन दिया है. मामला 4 साल पुराना है, जिसमें पूर्व विधायक डॉ विनय जायसवाल ने  SECL के महाप्रबंधक घनश्याम सिंह के बंगले पर जाकर पानी का पाइप काटा था. 

पाइप लाइन में की थी तोड़फोड़ 

शिकायत में आरटीआई कार्यकर्ता  राजकुमार मिश्रा (Rajkumar Mishra) का कहना है कि पूर्व विधायक डॉ विनय जायसवाल के द्वारा अशोभनीय व्यवहार किया गया है. आरटीआई कार्यकर्ता ने सूचना के अधिकार पर आवेदन प्रस्तुत कर पोड़ी पुलिस से 2024 में जानकारी प्राप्त की. तब उसे मालूम हुआ कि एसईसीएल के महाप्रबंधक ने थाना पोड़ी में अपनी शिकायत में लिखा दी थी कि 8 सितंबर 2020 को शाम 3:45 बजे स्थानीय पूर्व विधायक डॉ विनय जायसवाल ने उनके बंगले में पानी की पाइप लाइन की तोड़फोड़ की थी. वहीं 50 समर्थकों के साथ नारेबाजी की गई थी. लेकिन पोड़ी पुलिस ने मामले में कोई FIR दर्ज नहीं किया था.

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आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने शिकायत में लिखा है कि पूर्व विधायक डॉ विनय जायसवाल के द्वारा अपराध किया गया है.

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आरोप - पूर्व विधायक ने अपराध किया है 

आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने शिकायत में लिखा गया है कि दोषी व्यक्ति के द्वारा अपराध किया गया है. महाप्रबंधक के बंगले पर महाप्रबंधक के प्रयोग के लिए पाइप जिसमें जल की आपूर्ति की जाती है, उसे काटा और तोड़ा-मरोड़ा गया है. यह IPC की धारा 427 के तहत दंडनीय अपराध है. दोषी व्यक्ति के ‌द्वारा महाप्रबंधक के निज निवास पर उपहति कर, गृह अतिचार किया गया है,  जो IPC की धारा 452 के तहत दंडनीय अपराध है. साथ ही यह संज्ञेय अपराध भी है.  आवेदन में कहा गया है कि दोषी व्यक्ति के ‌द्वारा महाप्रबंधक के बंगले पर लोक संपत्ति की क्षति कारित की गई है. जो लोग संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3 के तहत दंडनीय अपराध है. यह विशेष अधिनियम का अपराध होने के कारण संज्ञेय अपराध भी है. ऐसे में इनके खिलाफ FIR दर्ज होनी चाहिए.  इस मामले में जांच अधिकारी केश्वर राज मरावी ने बताया कि  वर्ष 2020 को पूर्व विधायक विनय जायसवाल के मार्गदर्शन में जीएम बंगला में तोड़फोड़ किया गया था. इस मामले में आज आवेदन पेश किया गया है. शिकायत पर उचित कार्रवाई की जाएगी. 

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