छत्तीसगढ़ में बना देश का पहला वन मंदिर, एक ही जगह मिलेंगी इतनी जानकारियां, खासियत जानकर हो जाएंगे दंग

CG News:  छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में वन मंदिर बनाया गया है.अफसरों का दावा है कि ये देश का पहला वन मंदिर है. आइए जानते हैं इस मंदिर की आखिर क्या खासियत है ? 

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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में वन विभाग ने एक ऐसा गार्डन तैयार किया है जहां राशि, ग्रह नक्षत्र के पौधे, बीमारियों के इलाज के लिए योग और औषधि (हर्बल पौधे) से लेकर कई तरह की जानकारी मिलेगी. विभाग ने इसका नाम वन मंदिर नाम दिया है. अफसर दावा कर रहे हैं  कि ये देश का पहला वन मंदिर है. 

ये है खासियत 

दरअसल बस्तर के जंगल में औषधि युक्त पौधे प्रचूर मात्रा में हैं. दूसरे राज्यों और शहरों में अच्छी डिमांड भी होती है. दंतेवाड़ा पर्यटनीय और धार्मिक स्थल है, ऐसे में वन विभाग ने मिलकर यहां 18 एकड़ की जगह में वन मंदिर बनवाया है. इसके लिए साढ़े 4 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. यहां राशि-ग्रह-नक्षत्र के पौधे, बीमारियों के इलाज के लिए योग और औषधि , इंट्रो देते हाथी-भालू, श्रीराम की झलक  देखने को मिल रही है. बताया जा रहा है कि वनमंत्री कल सोमवार दो दिसंबर को  इसका उद्घाटन करेंगे. 

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यहां तितलियां, शेर, हाथी, भालू समेत विभिन्न जानवरों की 3D पेंटिंग और पोस्टर भी हैं. इसका इस तरह से डिजाइन किया गया है कि मानों ये खुद अपना इंट्रो दे रहे हैं. बच्चों के एजुकेशन को ध्यान में रखते हुए आसान और सरल शब्दों में स्लोगन भी लिखे गए हैं. अब अफसरों का दावा है कि, ये देश का पहला वन मंदिर है. जहां शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी मिल पाएगी. 

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इस मंदिर में इतने प्रकार के हैं वन 

यहां पहला वन आरोग्य है. जिसमें स्वास्थ्य संबंधित कई जानकारियां हैं.यदि आप को पाचन में दिक्कत है,ब्लड प्रेशर की समस्या है या फिर अन्य कोई बीमारी है तो उसके लिए कौन सा योग किया जाए,कौन सी औषधि ली जाए इसका जिक्र है.

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योगासन का 3D चित्र और वनस्पतियों के बारे में पूरी जानकारी दी गई है. योगा, हर्बल और मेडिसिन की जानकारी है। जिससे लोगों को बड़ी आसानी से ये समझ में आ जाए. दूसरा नक्षत्र वन है. नक्षत्र के हिसाब से कौन से पेड़-पौधे होते हैं? इसका क्या लाभ है? यहां हर नक्षत्र के बारे में जानकारी और उससे संबंधित पेड़-पौधों की जानकारी दी गई है. 

पंचवटी वन में भगवान श्री राम के वनवास काल के दौरान का वर्णन है. यहां माता सीता का हरण,जटायु समेत वनवास काल की अन्य कलाकृतियां बनाई गई हैं, जो बेहद ही आकर्षित कर रही हैं,.

नव ग्रह वन में नव ग्रहों के बारे में बताया गया है. साथ ही इन ग्रहों के कौन-कौन से पेड़ या पौधे हैं उसे भी यहां लगाया गया है. सूर्य, बुध, राहु-केतु जैसे सभी ग्रहों का पौधा लगाया गया है. इसकी संपूर्ण जानकारी दी गई है. पांचवा सप्तऋषि वन  है.सप्तऋषि वन में लगाए गए पौधे आयुर्वेदिक और पारंपरिक दवाओं में भी काम आते हैं. 

राशि वन में भी राशियों के मुताबिक पेड़, पौधे, वनस्पति और लकड़ी के बारे में जानकारी दी गई है. यहां हर एक राशि के साथ उससे संबंधित  पौधे लगाए गए हैं. यदि किसी भी व्यक्ति को अपनी राशि के अनुसार पौधों की जानकारी चाहिए तो उन्हें यहां इसकी भी जानकारी मिल जाएगी. 

रॉक गार्डन को इंद्रावती नदी के पत्थर और NMDC के लौह पत्थर से तैयार किया गया है। जिले के बाहर से  आने वाले पर्यटक लौह पत्थर देख सकेंगे.

इस वन मंदिर में जानवरों और उनके प्रजातियों के बारे में भी जानकारी दी जा रही है. अफसरों का ये भी दावा है कि यहां जिस तरह से 3D पोस्टर में जानवरों का जिक्र है, छत्तीसगढ़ में ऐसा कहीं नहीं है. इसके साथ ही बच्चों के मनोरंजन के लिए यहां चिल्ड्रन्स पार्क भी है. 

वन विभाग के डीएफओ सागर जाधव ने NDTV को बताया कि 18 एकड़ में अलग-अलग तरह के प्लांटेशन किए गए हैं. यहां प्रकृति और संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिलेगा. वन मंदिर का कॉन्सेप्ट हमें ऐसे आए की बहुत सारे लोग दंतेवाड़ा मंदिर में दर्शन करने आते हैं. उन्हें वन और वन्य जीवों को लेकर कुछ इंफॉर्मेशन दे सकें, इसलिए हमने इस गार्डन का निर्माण किया है. यहां जू की प्लानिंग भी की जा रही है. यहां करीब 20 से 30 लोगों को रोजगार दिया जाएगा. कैफेटेरिया में हर्बल फूड मिलेगा. मैटेनेंस की भी पूरी प्लानिंग कर ली गई है.  

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कैफे में मिलेगा बस्तरिया फूड 

इस वन मंदिर में आने वाले पर्यटकों को टिकट भी देना होगा. हालांकि इसके लिए बेहद ही नॉमिनल पैसे लिए जाएंगे. साथ ही यहां स्व-सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार मिलेगा. इसके अलावा कैफेटेरिया में बस्तरिया व्यंजन परोसे जाएंगे. 

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