Cyber Fraud: दुर्ग के बैंक खातों में साइबर फ्रॉड के 87 करोड़ रुपये ट्रांसफर, दर्ज हुई FIR

Cyber Fraud: वैशाली नगर टीआई ने बताया कि Canara Bank के 111 बैंक अकाउंट्स में साइबर फ्रॉड की राशि समय-समय पर ट्रांसफर हुई है. इसका पता चलने पर बैंक ने इन अकाउंट्स में करीब 22 लाख रूपए की राशि ही होल्ड की और फिर पुलिस को इसकी जानकारी दी.

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Cyber Fraud Durg Bank: बैंक खाते में 87 करोड़ रुपए का खेला!

Cyber Fraud Durg: छत्तीसगढ़ के दुर्ग से बड़ी खबर सामने आ रही है. दुर्ग के बैंक खातों में साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) के 87 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए हैं. ये मामला केनरा बैंक दुर्ग से जुड़ा हुआ है, जहां 87 करोड़ रुपये से अधिक का संदिग्ध लेन-देन सामने आया है. बैंक मैनेजर (Bank Manager) की शिकायत पर वैशाली नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. जांच में सामने आया कि 111 बैंक खातों में फ्रॉड की राशि  ट्रांसफर हुई है. 87 करोड़ रुपए में से बैंक सिर्फ 22 लाख रुपये की राशि होल्ड कर पाया, बाकी की राशि निकाली जा चुकी है.

क्या है मामला?

दुर्ग के वैशालीनगर स्थित कैनरा बैंक शाखा में एक बड़े साइबर फ्रॉड का खुलासा हुआ है, जिसने न सिर्फ बैंकिंग प्रणाली को हिलाकर रख दिया है बल्कि प्रशासन को भी अलर्ट पर ला दिया है. बैंक की इंटरनल ऑडिट में सामने आया कि 111 संदिग्ध बैंक खातों (म्युल अकाउंट्स) के जरिए करीब 87.60 करोड़ रुपये का संदेहास्पद लेनदेन किया गया है.

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मामला तब उजागर हुआ जब कैनरा बैंक की आंतरिक जांच टीम ने कुछ असामान्य लेनदेन पैटर्न की पहचान की. शाखा प्रबंधक ने तत्परता दिखाते हुए 22 लाख रुपये की राशि फ्रीज कर दी, लेकिन बाकी राशि खातों से पहले ही निकाली जा चुकी थी. इससे बैंक को भी भारी वित्तीय नुकसान हुआ है.

19 अप्रैल 2025 को केनरा बैंक, वैशाली नगर शाखा के मैनेजर परमाल सिंह सिंगोदिया ने थाना में लिखित आवेदन देकर बताया कि उनकी शाखा में 111 ऐसे बैंक खाते सामने आए हैं, जिनमें लगातार साइबर फ्रॉड और अन्य धोखाधड़ी के जरिए प्राप्त धनराशि ट्रांसफर की गई.

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बैंक जांच में यह भी सामने आया कि खाताधारकों को यह जानकारी थी कि उनके खातों में जो रकम आ रही है, वह धोखाधड़ी और साइबर क्राइम से अर्जित की गई है. इसके बावजूद खाताधारकों ने रकम निकालकर आपराधिक षड्यंत्र को अंजाम दिया.

बैंक ने तुरंत ऐसे खातों पर नो डेबिट मेमो लगाकर कार्रवाई की, लेकिन सिर्फ 22 लाख रुपये की रकम ही होल्ड की जा सकी, जबकि बाकी रकम खातों से निकाली जा चुकी है. मैनेजर की शिकायत पर दुर्ग पुलिस ने अकाउंट्स होल्डरों के खिलाफ धारा 317(2)-BNS, 317(4)-BNS, 318(4)-BNS, 61(2)(a)-BNS के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है और अब इस मामले में जल्द बड़े पैमाने में गिरफ्तारी होने की संभावना है.

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पुलिस का क्या कहना है?

भिलाई नगर के सीएसपी सत्य प्रकाश तिवारी ने बताया कि केस भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत दर्ज किया गया है. पुलिस संदिग्ध खातों, लेनदेन और इनसे जुड़े व्यक्तियों की जांच में जुटी है. प्रारंभिक जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि इन खातों का इस्तेमाल ऑनलाइन सट्टा, मनी लॉन्ड्रिंग और साइबर अपराधों के लिए किया गया है. इसके अलावा यह भी जांच की जा रही है कि ये खाते फर्जी दस्तावेजों के जरिए तो नहीं खोले गए. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए बैंकिंग अधिकारियों और साइबर विशेषज्ञों की संयुक्त टीम बनाई गई है, जो ट्रांजेक्शन ट्रेल को खंगाल रही है. साथ ही साइबर क्राइम सेल, बैंकिंग रेगुलेटरी एजेंसियां और अन्य जांच एजेंसियों को भी अलर्ट कर दिया गया है.

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