Cyber Crime in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में साइबर अपराध (Cyber Crime) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. आए दिन कोई न कोई साइबर फ्रॉड का शिकार हो रहा है. सेक्सटॉर्शन (Sextortion) से लेकर शेयर बाजार में निवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी के मामले दर्ज हुए हैं. कुछ सालों में साइबर फ्रॉड के मामलों के आधार पर पुलिस (Chhattisgarh Police) ने 7 राज्यों में दो दर्जन से ज्यादा जगहों की सूची बनाई है, जहां से ठग गिरोह छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के लोगों को फंसाने संगठित अपराध को अंजाम दे रहे हैं.
साइबर ठगों के लिए छत्तीसगढ़ सॉफ्ट टारगेट बन गया है. बिहार, हरियाणा, झारखंड और दिल्ली के ठग इंश्योरेंस और ऑनलाइन जॉब (Online Job Fraud) के नाम पर, वहीं राजस्थान के ठग सेक्सटॉर्शन के जरिए ठगी को अंजाम दे रहे हैं. राज्य में हर दिन कोई न कोई फ्रॉड का मामला दर्ज हो रहा है.
सात राज्यों के ठग छत्तीसगढ़ के लोगों को बना रहे शिकार
एडिशनल एसपी क्राइम संदीप मित्तल बताते हैं, साइबर फ्रॉड के शिकार पढ़े-लिखे, बुद्धिजीवी वर्ग के लोग हो रहे हैं. पढ़े-लिखे लोग शेयर मार्केट में ज्यादा लाभ हासिल करने अपना पैसा ठगों को दे बैठते हैं. उनका कहना है, हाल ही में रायपुर के रिटायर्ड सर्जन 75 लाख रुपये की शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ठगी के शिकार हो गए. देश भर के अलग-अलग जगह से अलग-अलग तरह का साइबर फ्रॉड हो रहा है. छत्तीसगढ़ के लोगों को बिहार, दिल्ली, राजस्थान समेत 7 राज्यों के ठग शिकार बना रहे हैं.
देश की राजधानी दिल्ली से ऑनलाइन होती है ठगी
दिल्ली में ऑनलाइन ठग का संगठित गिरोह काम करता है. गिरोह के लोगों की नजर ऑनलाइन माध्यम से जॉब ढूंढने और इंश्योरेंस सर्च करने वालों पर होती है. ये ठग कॉल सेंटर के जरिए लोगों को जॉब दिलाने और कम कीमत पर बीमा दिलाने के नाम पर ठगी करते हैं. इसमें नाइजीरियन गिरोह भी सक्रिय हैं.
मथुरा के आसपास सेक्सटॉर्शन का जाल
उत्तर प्रदेश के मथुरा और मेरठ के आसपास के ठग ज्यादातर सेक्सटॉर्शन के जरिए अवैध उगाही करते हैं. यहां के ठग ऑनलाइन सेक्स संबंधित कंटेंट सर्च करने वालों को ज्यादातर अपना शिकार बनाते हैं. इस गिरोह से जुड़े लोग चैटिंग के जरिए दोस्ती करते हैं और ऑनलाइन सेक्स के लिए प्रेरित करते हैं. इनके झांसे में आने के बाद ठग पहले पुलिस बनकर कॉल करते हैं कि पुलिस में उनकी शिकायत हुई है, जिससे डर कर पीड़ित पैसे दे देते हैं या फिर वीडियो को सोशल मीडिया में वायरल करने की धमकी देकर वसूली करते हैं.
बिहार ठग केबीसी के नाम से देते हैं झांसा
कौन बनेगा करोड़पति में पार्टिसिपेंट बनने की चाहत देश के लगभग हर वर्ग की होती है और लोग पार्टिसिपेंट बनने केबीसी साइट में जाकर सर्च करते हैं. उसमें दिए नंबर पर कॉल करते हैं. ऐसे लोगों पर ठग की नजर होती है. बिहार के अलग-अलग जगह से बैठा ठग केबीसी की चाहत रखने वालों को कॉल, मैसेज और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए संपर्क करते हैं और केबीसी पार्टिसिपेन्ट बनाने का झांसा देकर पैसे ऐंठ लेते हैं.
सिम क्लोनिंग के जरिए भी ठगी
पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर और आसनसोल के ठग लोगों की सिम की क्लोनिंग करके फ्रॉड को अंजाम देते हैं. ये ठग आए दिन छत्तीसगढ़ के लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं. लोग आसानी से इन ठगों के झांसे में आकर अपना धन गंवा देते हैं.
जामताड़ा गिरोह ऐसे करता है ठगी
झारखंड के जामताड़ा गिरोह को साइबर फ्रॉड का जन्मदाता कहा जाता है. ज्यादातर फ्रॉड के मामलों में जामताड़ा का लिंक रहा है. ये गैंग फेसबुक में फर्जी अकाउंट बनाकर रिश्तेदारों के मुसीबत में होने का झांसा देकर पैसे वसूलते हैं. इस गिरोह के लोग व्यक्ति को कॉल करके उनके बेटी, बेटा और पत्नी के पुलिस कस्टडी में होने का हवाला देकर भी रकम ऐंठ लेते हैं. इस गिरोह की ज्यादातर पारिवारिक और भावनात्मक कहानी होती है.
राजस्थान का भरतपुर गैंग आर्मी के नाम पर करता है ठगी
पुलिस की जानकारी के अनुसार, भरतपुर के आसपास ऐसी गैंग सक्रिय है जो ऑनलाइन खरीदी-बिक्री साइट ओएलएक्स (OLX) के माध्यम से सामान बेचने का विज्ञापन देते हैं, जिसमें बाइक, फ्रिज और घरेलू महंगे सामान को सस्ते दामों में देने की बात होती है. लोग दिए हुए नंबर पर कॉल करते हैं, उनसे कहा जाता है वे आर्मी में हैं. उनका ट्रांसफर हो गया है इसलिए वे सामान बेचना चाहते हैं. इस गिरोह के लोग ट्रांसपोर्ट के नाम पर सामान का 25 प्रतिशत एडवांस देने का झांसा देकर वसूली करने में गायब हो जाते हैं.
साइबर फ्रॉड से कैसे बचें?
साइबर फ्रॉड से बचने का सबसे कारगर तरीका जागरूकता है. किसी भी कॉल या मैसेज के आने पर सोच समझकर जवाब दें. फ्रॉड होने की स्थिति में तुरंत पुलिस को सूचना दें और बैंक अकाउंट के पासवर्ड लगातार बदलते रहें.
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