CG News: अंबिकापुर में निगम प्रशासन एक्टिव, क्या गोवंशों के जमावड़े से मुक्त हो पाएंगी सड़कें?

Ambikapur News: छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में आवारा गोवंश एक बड़ी समस्या बने हुए हैं. सड़कों पर इनके जमावड़े से अक्सर कई बार सड़क हादसे हो जाते हैं. इसी क्रम में अंबिकापुर में नगर निगम ने ऐसे गोवंशों को पकड़ने की मुहिम तेज कर दी.

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CG News: अंबिकापुर में निगम प्रशासन एक्टिव, क्या गौवंशों के जमावड़े से मुक्त हो पाएंगी सड़कें?

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के मुख्य मार्गों में घूमने वाले आवारा पशुओं को अब नगर निगम, काउ कैचर के द्वारा पकड़े जाने की कार्रवाई शुरू कर दी. पकड़े गए आवारा गोवंशों को शहरी गौठान में रखा जा रहा है. इसके बावजूद सड़कों में आवारा पशुओं का जमावड़ा कम होने का नाम नहीं ले रहा. दरअसल NDTV के द्वारा शहर के मुख्य मार्गों में आवारा गोवंशों का मुद्दा उठाया गया था.

एक ही कमरे में 30 से 40 मवेशियों को रखा जा रहा

इसके बाद अंबिकापुर नगर निगम प्रशासन हरकत में आई और शहर मुख्य मार्गों, चौराहों , बस स्टैंड में घूमने वाले आवारा पशुओं को निगम काउ कैचर के द्वारा पकड़ कर शहरी गौठान में रखा गया.  लेकिन कुछ ही दिनों में शहरी गौठान भी आवारा पशुओं को रखने का जगह ही कम पड़ गई, जिसके कारण एक ही कमरे में 30 से 40 मवेशियों को रखा जा रहा. लेकिन इसके बावजूद निगम के मुख्य मार्ग में अभी भी हमारा पशुओं का जमावड़ा देखा जा सकता है.

इतने रुपये प्रतिदिन के हिसाब से है फाइन

 गौठान के कर्मचारी सुरेश मिंज ने बताया कि शहरी गौठान, जिसे आप कांजी हाउस बना दिया गया. वहां, तकरीबन 70 से 80 आवारा गोवंशों को रखा गया. इन्हें लेने आने वाले लोगों से निगम के द्वारा ₹500 प्रतिदिन के हिसाब से फाइन ली जाती है, फिर गोवंशों को छोड़ा जा रहा.

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गोवंश के इलाज के लिए कोई व्यवस्था नहीं

मिंज ने कहा, "यहां रखे गए सभी आवारा गोवंश को चारा पानी भी दिया जा रहा. एक ही कमरे में अधिक गोवंशों के रखने के प्रश्न पर सुरेश रहते हैं कि जितनी व्यवस्था नगर निगम द्वारा की गई है, उसी में काम करना उनकी मजबूरी है. यहां बीमार गोवंशों के इलाज के लिए कोई व्यवस्था नहीं गई."

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