MCB News: 2018 में बनी नहर का अब तक नहीं मिला मुआवजा, सरकारी ऑफिस के चक्कर लगा रहे किसान

CG News: मनेंद्रगढ़ में 2017-18 के दौरान नहर बनाने के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था, जिसका मुआवजा अब तक किसानों को नहीं मिला है. अब किसान सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं.

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Department of Water Resources: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के एमसीबी जिले (MCB District) के कुछ किसान अपनी जमीन के मुआवजे के लिए भटक रहे हैं. इन किसानों की जमीन नहर के लिए अधिग्रहित (Land Acquisition For Canal) की गई थी, जिसका मुआवजा लेने के लिए अब किसान अधिकारियों और सरकारी कार्यालयों (Govt Office) का चक्कर काट रहे हैं. लेकिन, उन्हें मुआवजे की राशि अब तक नहीं दी गई है. मुआवजे के लिए परेशान एक किसान ने स्वास्थ्य मंत्री तक से फरियाद की. हैरानी की बात यह है कि मंत्री की दखल के एक महीने बाद भी संबंधित किसान को मुआवजा नहीं मिला है.

जल संसाधन विभाग के अनुसार, कृष्ण कुमार जायसवाल को 3 लाख 30 हजार रुपये, महाबली सिंह को 1 लाख 20 हजार रुपये और राम सिंह को 4 लाख 20 हजार रुपये की मुआवजा राशि का भुगतान करना है. मनेंद्रगढ़ तहसील के ग्राम डोमनापारा में खसरा नंबर 411/2 रकबा 1.0500 हेक्टयर और खसरा नंबर 412 रकबा 1.000 हेक्टेयर भूमि कृष्ण कुमार के सगे भाई गणेश प्रसाद जायसवाल के नाम पर राजस्व अभिलेखों में दर्ज है.

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सरकारी कार्यालय के चक्कर लगा रहे किसान

भू-अर्जन अधिकारी को 3 अक्टूबर 2023 को पत्र लिखकर उन्होंने अधिग्रहित की गई भूमि का मुआवजा देने की गुहार लगाई थी. मुआवजा के लिए जब एसडीएम कार्यालय से जानकारी मांगी गई तो यहां लिपिक अशोक सिंह ने बताया कि सिंचाई विभाग से संबंधित फाइल उनके पास नहीं है, लेकिन सिंचाई विभाग ने बताया कि मुआवजा से संबंधित फाइल एसडीएम कार्यालय को भेज दी गई है. अब बताया जा रहा है कि पटवारी को जांच प्रतिवेदन के लिए दस्तावेज भेजा है और यह भी बताया कि मुआवजा के लिए फंड नहीं है. मामले में कृष्ण कुमार ने 24 जून 2024 को स्वास्थ्य मंत्री व क्षेत्रीय विधायक श्याम बिहारी जायसवाल से मुआवजा दिलाने की गुहार लगाई है.

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2017-18 में बनी थी नहर

आपको बता दें कि मनेंद्रगढ़ तहसील अंतर्गत ग्राम शंकरगढ़ में जल संसाधन विभाग ने वर्ष 2017-18 में नहर का निर्माण कराया था. इनमें 34 किसानों से 17.86 हेक्टेयर, ग्राम डंगौरा के 23 किसानों से 2.508 हेक्टेयर, ग्राम भल्लौर के 30 किसानों से 3.340 हेक्टेयर, ग्राम डोमनापारा के 17 किसानों से 2.242 हेक्टेयर, ग्राम लालपुर के 5 किसानों से 0.6350 हेक्टेयर और ग्राम पंचायत चैनपुर के 15 किसानों से 1.368 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया था. इन सभी 124 किसानों की कुल अधिग्रहित जमीन 27.968 हेक्टेयर है.

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जल संसाधन विभाग ने किसानों को अधिग्रहित भूमि का 2 करोड़ 40 लाख 72 हजार 460 रुपये मुआवजा वर्ष 2018 में ही कलेक्टर को भेज दिया था, लेकिन यहां से कुछ किसानों के भुगतान की राशि रोक ली गई है.

6 साल बात भी नहीं मिला मुआवजा

मामले में एसडीएम मनेंद्रगढ़ लिंगराज सिदार का कहना है कि उन्होंने मुआवजे के लिए परेशान किसानों के नाम, पते की मांग की और प्रकरण देखकर उनके द्वारा मुआवजे की कार्रवाई की जाएगी. लेकिन, 3 महीने बीत जाने के बाद भी किसानों का मुआवजा नहीं मिल सका है. अब तक प्रशासन की ओर से मुआवजा की कोई कार्रवाई नहीं की गई है. वहीं अब एसडीएम का यह कहना है कि मुआवजा के लिए किसानों का नाम तो है, लेकिन ट्रांजेक्शन हुआ है या नहीं, इसके लिए बैंक से स्टेटमेंट मंगाकर उसका वेरिफिकेशन किया जा रहा है.

इन किसानों को नहीं मिला मुआवजा 

जिन किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है उनमें मनेंद्रगढ़ निवासी कृष्ण कुमार जायसवाल, ग्राम डोमनापारा निवासी महाबली सिंह, तेज सिंह, विजय सिंह, रामबालक, सुकमन, ग्राम चैनपुर निवासी रमसाय, सुकवरिया, गीता बाई और नागपुर निवासी राम सिंह सहित कई किसान शामिल हैं. ये सभी किसान नहर के लिए अधिग्रहित की गई भूमि का मुआवजा राशि लेने के लिए कई साल से भटक रहे हैं.

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