छत्तीसगढ़ में अब नक्सलियों की कमान देवजी के हाथ में, माड़वी हिड़मा के हवाले किया पूरा बस्तर

तेलंगाना के करीमनगर जिले के दलित नेता तिरुपति उर्फ देवजी को नक्सल संगठन ने नया मुख्य सचिव बनाया है. इसी के साथ ही पीएलजीए की पहली बटालियन के कमांडर हिड़मा उर्फ संतोष को विशेष आंचलिक समिति सचिव की जिम्मेदारी दी गई है. जानिए कौन है दोनों?

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New Leader Of Naxalites: छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के अभियानों से रेड कॉरिडोर कमजोर पड़ता जा रहा है क्योंकि दर्जनों बड़े माओवादी या तो मारे गए या आत्मसमर्पण कर चुके हैं. ऐसे में अब संगठन नए नेतृत्व के सहारे बस्तर में अपनी पकड़ मजबूत करने और पुनर्गठन की कोशिश कर रहा है. इसी के तहत बस्तर इलाके में संगठन में बड़ा फेरबदल किया गया है. खबर है कि तेलंगाना के करीमनगर जिले के दलित नेता तिरुपति उर्फ देवजी को संगठन ने नया मुख्य सचिव बनाया है. इसी के साथ ही पीएलजीए की पहली बटालियन के कमांडर हिड़मा उर्फ संतोष को विशेष आंचलिक समिति सचिव की जिम्मेदारी दी गई है. ये परिवर्तन बीते 21 मई को नारायणपुर के जंगलों में हुई मुठभेड़ में महासचिव नम्बाला केशव राव उर्फ बसवराजू समेत 28 माओवादियों के मारे जाने के बाद किया गया है. इस रिपोर्ट में जानते हैं कौन है देवजी और हिड़मा?

बसवराजू के उत्तराधिकारी देवजी को जानिए?

सबसे पहले बात देव जी की. सुरक्षाबलों के उसकी प्रोफाइल बताती है कि उसने लंबे समय से नक्सलवादी संगठनों से जुड़कर कई पदों में काम किया है.

करीब 70 साल का देव जी टिप्परी तिरुपति उर्फ संजीव रमेश उर्फ चेतन उर्फ कुम्मा, देवअन्ना और सुदर्शन जैसे तमाम नामों से जाना जाता है. तेलंगाना राज्य के करीमनगर का रहने वाला देवजी इस समय पोलित ब्यूरो का सदस्य भी है.

बता दें कि 2018 में बसवराजू के हाथ में महासचिव की कमांड थी पर अबूझमाड़ के गुंडेकोट इलाके में मुठभेड़ में बसवराजू मुठभेड़ में मारा गया. जिसके बाद से नेतृत्वहीन नक्सली संगठन विकल्प की तलाश में जुटे थे. ये तलाश पूरी हुई देवजी पर. वो फिलहाल नक्सलियों की मिलिट्री इंटेलीजेंस विंग का चीफ था. इसके अलावा वो न सिर्फ पोलित ब्यूरो का सदस्य है बल्कि ऐसा माना जाता है कि वो बहुत तेजी से फैसले भी लेता है. आपको ये भी बता दें नक्सलियों में सबसे ऊपर पोलित ब्यूरो होते हैं जिनके लिये निर्णय को सीसी मेम्बर (सेंट्रल कमेटी सदस्य) आगे बढ़ाते हुये डीकेएसजेडसी (दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी) सदस्यों तक पहुंचाते हैं.

एक करोड़ का इनामी नक्सली है हिड़मा

अब बात एक करोड़ के इनामी नक्सली माड़वी हिड़मा की. इसे सबसे खूंखार नक्सली लीडरों में से एक माना जाता है. सुकमा के पूवर्ती में जन्मा हिड़मा बस्तर में नक्सलवाद की रीढ़ कहा जाता है. जिसे बटालियन कमांडर के पद से सेंट्रल कमेटी का सदस्य बनाया गया था. अब इसे बढ़ाकर दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का इंचार्ज बना दिया गया है.

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दिलचस्प है कि पहली बार किसी आदिवासी नक्सली लीडर के हाथ में इस तरह की कमांड सौंपी गई है. झीरम घाटी नरसंहार, ठहकवाड़ा और बुरकापाल जैसे बड़े हमलों का मास्टर माइंड रह चुके हिड़मा पर अकेले छत्तीसगढ़ सरकार ने 45 लाख रुपये का इनाम लगा रखा है.

इसके अलावा हिड़मा पर दूसरे राज्यों और सुरक्षा एजेंसियों ने भी इनाम का ऐलान कर रखा है जो कुल मिलाकर 1 करोड़ के लगभग बैठता है. सुरक्षा एजेंसियों के पास हिड़मा की कोई ताजा तस्वीर नहीं है. वो नक्सलियों के बेहद सख्त सुरक्षा घेरे में रहता है और रणनीतियां बनाने में माहिर माना जाता है.

नक्सलियों ने माना था- 9 पोलित ब्यूरो सदस्य मारे गए

जानने लायक बात ये भी है कि बीते साल अक्टूबर में सीपीआई माओवादी ने पार्टी का 20वीं स्थापना दिवस मनाया था. जिस पर 25 पन्नों के अपने संदेश में माना कि पिछले 20 सालों में उसकी सेंट्रल कमेटी के 22 सदस्य, जिसमें पोलित ब्यूरो के 8 लोग शामिल हैं, वो मारे जा चुके हैं. इस साल 21 जनवरी को छत्तीसगढ़ में चलपति उर्फ जयराम रेड्डी और 22 अप्रैल को झारखंड में प्रयाग मांझी ऊर्फ विवेक दा जैसे सेंट्रल कमेटी के दो सदस्यों के मारे जाने की चर्चा ठंडी भी नहीं हुई थी कि 21 मई को छत्तीसगढ़ में पार्टी के महासचिव नंबाला केशव राव ऊर्फ बसवराजू भी मारा गया. बसवराजू की मौत के बाद संगठन बिखराव की स्थिति में था. सीपीआई माओवादी के पास कोई नेतृत्व ही नहीं बचा था. जिसके बाद अब फिर से कमान देवजी को देने की बात सामने आई है.

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