छत्तीसगढ़ आए राजस्थान विद्युत निगम मण्डल के CMD, कोयले के खनन में आ रही समस्या को लेकर करेंगे बैठक

राजस्थान के छाबड़ा, कालीसिंध और सूरतगढ़ के विद्युत संयंत्र इस कोयले पर निर्भर हैं. राजस्थान की करीब 50 फीसदी विद्युत उत्पादन क्षमता, जो 4340 है, वह केवल PEKB कोयला खदान पर निर्भर है.

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सांकेतिक फोटो

Raipur News: राजस्थान में विद्युत उत्पादन को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए कोयला आपूर्ति को लेकर राज्य विद्युत निगम मण्डल के सीएमडी आरके शर्मा छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं. आरके शर्मा राज्य सरकार के आला अधिकारियों से मिलकर PEKB कोल ब्लॉक में खनन में आ रही समस्या को जल्द दूर करने की मांग रखेंगे. गौरतलब है कि राजस्थान विद्युत निगम को केंद्र सरकार से तीन खदान आवंटित हैं जिसमें से परसा ईस्ट केते बासन, परसा कोल ब्लॉक और केते एक्सटेंशन PEKB में फर्स्ट फेज की माइनिंग हो चुकी है. PEKB एक्सटेंशन को शुरू किया जाना है. 

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2007 में किया गया था आवंटित

मीडिया से बात करते हुए सीएमडी आरके शर्मा ने कहा राजस्थान में बिजली उत्पादन में कोयले की कमी हो रही है. कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित हो इसके लिए आला अधिकारियों से मुलाकात कर समाधान निकालेंगे. छत्तीसगढ़ सरगुजा स्थित परसा ईस्ट एवं केते बासन (पीईकेबी) कोल ब्लॉक राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को साल 2007 में भारत सरकार की ओर से विद्युत उत्पादन संयंत्रों हेतु कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आवंटित किया गया था.

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PEKB के कोयले पर निर्भर राजस्थान की आधी बिजली

बाद में भारत सरकार की ओर से राजस्थान के विद्युत उत्पादन निगम को सरगुजा क्षेत्र में दो और खदानों का आवंटन किया गया. परसा ईस्ट केते बासन (पीईकेबी) कोयला खदान की सालाना उत्पादन क्षमता 15 मिलियन टन कोयले की है. राजस्थान के छाबड़ा, कालीसिंध और सूरतगढ़ के विद्युत संयंत्र इस कोयले पर निर्भर हैं. 

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राजस्थान की करीब 50 फीसदी विद्युत उत्पादन क्षमता, जो 4340 है, वह केवल PEKB कोयला खदान पर निर्भर है. PEKB खदान की ओर से छत्तीसगढ़ राज्य सरकार को अभी तक लगभग 7000 करोड़ रुपए अदायगी के रूप में प्रदान किए जा चुके हैं. भविष्य में बाकी की दोनों खदानें शुरू हो जाने से यह राशि दो से तीन गुना बढ़ जाएगी.