39 करोड़ खर्च करने के बाद भी पीने के पानी को तरस रहे क्षेत्र के लोग, जिम्मेदार नेताओं ने एक-दूसरे के ऊपर फोड़ा ठीकरा

Chhattisgarh Latest News: इस समस्या पर नगर पालिका नेता प्रतिपक्ष संतोष सिंह ने कहा कि चिरमिरी में पानी की समस्या लंबे समय से बनी हुई है. पूर्व विधायक दीपक पटेल के प्रयास से 34 करोड़ की जलावर्धन योजना के तहत शहर में ओवर हेड टैंक, एनीकट, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण हुआ. वहीं घर-घर पानी पहुंचाने के लिए पाइप विस्तार के लिए 5 करोड़ रुपए निगम को कांग्रेस की सरकार आने के बाद मिले थे.

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Madhya Pradesh: यूं तो जल को जीवन कहा गया ही है लेकिन ऐसी चिलचिलाती गर्मी में पीने के पानी का महत्व और मांग और भी ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसे मौसम में भी मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के नगर निगम क्षेत्र चिरमिरी के लोग पीने के पानी के लिए काफी परेशान हैं. जलावर्धन योजना के तहत 39 करोड़ रुपए खर्च होने के बावजूद अभी भी लोग पेयजल के लिए तुर्रा के पानी पर आश्रित हैं.

जबकि शहर की पेयजल समस्या दूर करने के लिए सरभोका में अरूणी बांध, जलावर्धन योजना के तहत हसदेव नदी के पानी को शहर तक पहुंचाया गया है. लाखों रुपए खर्च होने के बावजूद लोगों को पेयजल समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है. जबकि जलावर्धन योजना के तहत चिरमिरी के अलग-अगल वार्डों में ओवर हेड टंकी बनाकर पानी की पाइप लाइन का विस्तार किया गया है.

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पाइप लाइन से पानी लोगों के घरों तक नहीं पहुंचा

इस समस्या पर नगर पालिका नेता प्रतिपक्ष संतोष सिंह ने कहा कि चिरमिरी में पानी की समस्या लंबे समय से बनी हुई है. पूर्व विधायक दीपक पटेल के प्रयास से 34 करोड़ की जलावर्धन योजना के तहत शहर में ओवर हेड टैंक, एनीकट, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण हुआ. वहीं घर-घर पानी पहुंचाने के लिए पाइप विस्तार के लिए 5 करोड़ रुपए निगम को कांग्रेस की सरकार आने के बाद मिले थे. लेकिन 5 करोड़ रुपए कहां खर्च किए गए यह पता नहीं चला. पाइप लाइन से पानी अभी तक लोगों के घरों में नहीं पहुंचा. आज चिरमिरी में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस की महापौर व पूर्व विधायक पर भ्रष्टाचार व गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं.

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महापौर ने कहा सार्वजनिक नलों के माध्यम से पानी पहुंचाया गया

जवाब में महापौर कंचन जायसवाल ने कहा कि जलावर्धन योजना का जो कार्य हुआ था, उसमें डिस्ट्रीब्यूशन लाइन का कुछ नहीं था. जब कांग्रेस की सत्ता आई तब हमनें 15वें वित्त से घर-घर पानी पहुंचाने का कार्य किया. हमने सार्वजनिक नलों के माध्यम से भी पानी पहुंचाने का कार्य किया. जिससे लोगों की समस्या कम हो गई है. पिछले साढ़े 4 सालों से स्थिति में काफी बदलाव आ गया है. पिछले 6-8 महीने से चुनावी माहौल में हमारा कार्य थोड़ा धीमा पड़ गया है, लेकिन कोशिश है जल्द से जल्द जहां पाइप लाइन बिछा है वहां पानी पहुंचाया जाए.

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