Chhattisgarh's Illegal Timber Trade : बलरामपुर जिले में इन दिनों लकड़ी तस्करी का खेल जोरों से फल-फूल रहा है. ताजा मामला रामचंद्रपुर धमनी वन परिक्षेत्र का है. जहां के सुंदरपुर गांव के जंगल में बड़ी मात्रा में अवैध तरीके से खैर की लकड़ी की कटाई कर उसे स्टोर करने का मामला सामने आया है. मिली जानकारी के मुताबिक, तस्करों ने बड़े पैमाने पर खैर की लकड़ी को काटकर दूसरी जगह भेजने की तैयारी में थे. मामले में हैरान करने वाली बात है कि राजस्व एवं फॉरेस्ट विभाग को भी इस बात की भनक तक नहीं थी.
जंगल से 10 ट्रैक्टर से ज़्यादा खैर की कटाई
दरअसल, सुंदरपुर जंगल में रात के अंधेरे में पेड़ों की कटाई की जा रही है और लकड़ी काटने के बाद शातिर तस्कर जंगल में ही इसे छुपकर रख रहे हैं. इस मामले में भी ऐसा ही कुछ नजर आ रहा है. सुंदरपुर गांव की नर्सरी में 10 ट्रैक्टर से ज्यादा लकड़ी को स्टोर किया गया था लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि इतने बड़े पैमाने पर खैर जैसी कीमती लकड़ी लकड़ी रखी गई थी लेकिन फॉरेस्ट विभाग की नजर इस पर अभी तक नहीं पड़ी... इधर राजस्व विभाग भी पूरे मामले में मौन है.
मामले के खुलासा होने पर भी कार्रवाई में देरी
बता दें कि इस मामले में रामचंद्रपुर धाम ने वन परिक्षेत्र अधिकारी से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि इतने बड़े पैमाने पर खैर की लकड़ी किसी अन्य जगह से लाकर यहां पर डंप की गई है... हालांकि स्टोर की हुई लकड़ी को जब्त कर लिया है और इसकी जांच की जा रही है. मामले में रामचंद्रपुर के तहसीलदार को भी पत्र के माध्यम से जानकारी दे दी गई है... और जितने भी इलाके में लावारिस हालत में लकड़ी अवैध रूप से हैं उसे भी जब्त किया जाएगा.
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जानिए खैर की लकड़ियों की खासियत
मालूम हो कि खैर की लकड़ी का आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी महत्व है. खैर के पेड़ से बनी औषधियों से लेकर पान और पान मसाला तक में इसका इस्तेमाल होता है. इसका चमड़ा उद्योग में भी इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा खैर के पत्तों की ज़्यादा मांग के कारण इसे ऊंट और बकरी के चारे के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. आयुर्वेद में खैर का पेड़ डायरिया, पाइल्स जैसे रोगों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है.
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