Loharidih Incident: लोहारीडीह में महिलाओं से बर्बरता पर SWC हुआ सख्त, SP और आरोपी पुलिसकर्मियों पर की FIR दर्ज करने की अनुशंसा

Kawardha Loharidih Incident: कवर्धा के लोहारीडीह अग्निकांड के आरोपी प्रशांत साहू की जेल में मौत और गांव की महिलाओं से पुलिस की बर्बरता पर महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमई नायक की रिपोर्ट के बाद ये मामला काफी गरमा गया है. जानिए, उन्होंने अपनी रिपोर्ट में ऐसा क्या कहा है?

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Chhattisgarh Woman Commission: कवर्धा के लोहारीडीह अग्निकांड (Kawardha Loharidih incident) के आरोपी प्रशांत साहू (Prashant Sahu) की जेल में मौत और गांव की महिलाओं पर पुलिस की ओर से की गई मारपीट के मामले में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) राज्य महिला आयोग ने बड़ी अनुशंसा की है. आयोग ने तत्कालीन एसपी अभिषेक पल्लव (Abhishek Pallav) समेत आरोपी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज करने की सिफारिश की है. आयोग ने यह अनुशंसा सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल और छत्तीसगढ़ के मुख्य न्यायाधीश से की है.

दरअसल, 21 सितंबर को महिला आयोग की चेयरपर्सन किरणमई नायक ने दुर्ग जेल का दौरा कर वहां बंद 33 महिलाओं से पूछताछ की थी. अपनी जांच में उन्होंने पाया कि इस मामले में कानून की प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया. NDTV से बात करते हुए नायक ने बताया कि आईपीएस अधिकारी अभिषेक पल्लव की मौजूदगी में महिलाओं के साथ अमानवीय तरीके से मारपीट की गई, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं. वहीं, प्रशांत साहू की पुलिस की पिटाई से जेल में मौत हो गई. महिलाओं को रात के अंधेरे में घर से खींचकर मारा गया और फिर जेल भेज दिया गया.

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ये हैं महिला आयोग की रिपोर्ट के प्रमुख अंश

1. मेडिकल जांच और वीडियोग्राफी

आयोग ने अनुशंसा की है कि दुर्ग जेल के महिला बंदी प्रकोष्ठ में बंद लोहारीडीह गांव की सभी 33 महिला बंदियों की तत्काल मेडिकल जांच और उनके घावों की वीडियोग्राफी कराई जाए. यह प्रक्रिया पूर्व सरकारी अधिवक्ता शमीम रहमान, तहसीलदार क्षमा यदु और डॉ. कीर्ति बजाज की उपस्थिति में होनी चाहिए.

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2. पुलिसकर्मियों की पहचान परेड हो

एसपी अभिषेक पल्लव और लोहारीडीह में मौजूद अन्य पुलिस अधिकारियों की पहचान परेड कराई जाए, ताकि 33 महिला बंदियों से मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों की पहचान की जा सके.

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3. प्रशांत साहू की मौत पर हत्या का मामला दर्ज

जेल में बंद प्रशांत साहू की मौत के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों, विशेष रूप से एसपी अभिषेक पल्लव और अन्य पुलिस अधिकारियों पर हत्या का मामला दर्ज किया जाए.

4. अवैध गिरफ्तारी और थर्ड-डिग्री टॉर्चर पर एफआईआर हो

महिला आयोग ने बिना सर्च वारंट के महिलाओं के घरों में घुसकर उनकी गिरफ्तारी और थर्ड डिग्री टॉर्चर करने वाले सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज करने की अनुशंसा की है.

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5. कॉल रिकॉर्ड और लोकेशन की जांच हो

महिला आयोग ने 14 सितंबर से 20 सितंबर, 2024 तक एसपी अभिषेक पल्लव के शासकीय और निजी मोबाइल की कॉल डिटेल्स और लोकेशन की जांच की जानी चाहिए. इसके आधार पर लोहारीडीह घटना स्थल पर उनकी उपस्थिति की पुष्टि हो सकती है. इसके अलावा, यह भी जांच की जाए कि उनके मोबाइल पर लोहारीडीह गांव के किसी व्यक्ति से कोई कॉल आई थी या नहीं? जांच पूरी होने तक एसपी को निलंबित करने की भी सिफारिश की गई है.

यह रिपोर्ट पुलिस की बर्बरता और कानून के उल्लंघन की गंभीरता को उजागर करती है, जिससे लोहारीडीह अग्निकांड से जुड़े पुलिस अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं.

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