Chhattisgarh : किस बात की दें सिक्योरिटी मनी ? मुद्दा लेकर सड़क पर उतरे नाराज छात्र

Koriya : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोरिया जिले के आदिवासी पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास बैकुंठपुर के छात्रों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. छात्रों का कहना था कि चार दिन पहले हॉस्टल का सुपरिटेंडेंट हॉस्टल में सामान के लिए सिक्योरिटी मनी के नाम पर 1-1 हजार रुपए मांग रहे थे.

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Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोरिया जिले के आदिवासी पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास बैकुंठपुर के छात्रों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. छात्रों का कहना था कि चार दिन पहले हॉस्टल का सुपरिटेंडेंट हॉस्टल में सामान के लिए सिक्योरिटी मनी के नाम पर 1-1 हजार रुपए मांग रहे थे जिसके खिलाफ सभी छात्रों ने अपर कलेक्टर को शिकायत दी थी. प्रशासन से कार्रवाई न होता देख छात्रों ने शिक्षा विभाग के सामने NH जाम कर दिया. प्रदर्शन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्र भी शामिल रहे. छात्रावास अधीक्षक के खिलाफ शिकायत करने सभी छात्र ओड़गी नाका तिराहे के पास शिक्षा विभाग कार्यालय के सामने जमा हो गए और प्रदर्शन करते हुए बीच सड़क पर बैठ गए.

नाराज़ बच्चों ने किया सड़क जाम

सड़क के बीच काफी संख्या में बच्चों के नारेबाजी करने से जाम लग गया. सड़क के दोनों ओर गाड़ियों की लंबी लाइन लग गई, शहर का मुख्य सड़क होने के कारण यात्री बस से लेकर स्कूली गाड़ियां भी जाम में फंसी रही. प्रदर्शन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता भी शामिल. प्रदर्शन के दौरान छात्र छात्रावास अधीक्षक के खिलाफ नारेबाजी करते रहे.

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बड़ी मुश्किल से माने सभी छात्र

करीब 1 घंटे तक चला प्रदर्शन अधिकारियों की समझाइश और अधीक्षक को हटाने के आश्वासन के बाद समाप्त हुआ. छात्रों का कहना है कि अधीक्षक ने सभी बच्चों से 1-1 हजार रुपए मांगे, रुपए नहीं देने पर बच्चों को हॉस्टल से निकाल देने की धमकी दी. प्रदर्शन की जानकारी पर नायब तहसीलदार, आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त प्रदर्शन कर रहे छात्रों से बात करने पहुंची और कार्रवाई का आश्वासन दिया जिसके बाद छात्र वापस लौट गए.

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सामान के लिए ₹1 हजार की मांग

स्कूल, कॉलेज के छात्रों ने बातचीत के दौरान कहा कि कंबल, चादर, बेड और अन्य सामानों के लिए हॉस्टल अधीक्षक ओमप्रकाश राजवाड़े ने 1-1 हजार रुपए सुरक्षा धन के रूप में मांग कर रहे थे, कुछ छात्रों से रुपए भी लिये हैं जिसकी शिकायत अपर कलेक्टर को आवेदन देकर किए थे. मामले में कार्रवाई नहीं होने पर प्रदर्शन किए. छात्रों ने कहा कि पिछले साल स्कालरशिप के रुपए कटे थे, वह रुपए भी नहीं मिले. यदि प्रशासन शिकायत पर पहले ही कार्रवाई कर देता तो उन्हें प्रदर्शन नहीं करना पड़ता.

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ये बोली विकास विभाग की सहायक

आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त उषा लकड़ा ने कहा कि बच्चे एक दो दिन से कह रहे थे कि अधीक्षक ने एक-एक हजार रुपए लिया है और रुपए नहीं देने पर हॉस्टल से निकाल देंगा... ऐसी धमकी देता है. बच्चों ने प्रदर्शन किया, जिसपर उनके आवेदन पर कार्रवाई की जाएगी. अधीक्षक से भी मामले में पूछताछ करेंगे. उन्होंने कहा कि बच्चों काे भोजन सहाय की राशि हर साल के अंतिम महीने में मिलती है.

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