आदिवासी इलाकों में बुनियादी ढांचे की कमी को उजागर करने वाली एक घटना में, पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ की 17 वर्षीय एक बीमार किशोरी के रिश्तेदारों को उसके इलाज के लिए उसे खाट पर रखकर 25 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र के गढ़चिरौली ले जाना पड़ा. एक अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के बकावंड इलाके के मेटावाड़ा गांव की रहने वाली किशोरी को उसके रिश्तेदार शुक्रवार को गढ़चिरौली के भामरागढ़ तालुका के लहेरी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) लाए थे.
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इलाज के लिए खटिया पर 25 किमी दूर ले जाया गया महाराष्ट्र
उन्होंने बताया कि लड़की के परिवार के सदस्यों ने उसे एक खाट पर लिटाकर और अपने कंधों पर उठाकर लगभग 25 किलोमीटर तक की कठिन यात्रा की. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ. संभाजी भोकरे ने पीटीआई-भाषा से बात करते हुए कहा कि लड़की पिछले कुछ दिनों से बुखार और उल्टी से पीड़ित थी, उसे तुरंत उपचार दिया गया और अब उसकी हालत स्थिर है.
मलेरिया के बढ़ रहे मामले
अधिकारी ने कहा कि मानसून के दौरान मलेरिया के मामले बढ़ रहे हैं और छत्तीसगढ़ के चार से पांच सीमावर्ती गांवों के मरीज लहेरी पीएचसी में इलाज की मांग कर रहे हैं क्योंकि यह उनके लिए पड़ोसी राज्य के नारायणपुर पीएचसी से करीब है. इस बीच, एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि हालांकि जिला प्रशासन के पास एम्बुलेंस हैं और उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ फोन नंबर साझा किए हैं, यह गांव पहाड़ी इलाकों में स्थित हैं, जहां मोटर चलाने योग्य सड़कें नहीं हैं और नेटवर्क कनेक्टिविटी भी खराब है. उन्होंने कहा कि इन गांवों में रहने वाले लोगों के पास पैदल पहुंचने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)