National Highway-30: छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के नेशनल हाइवे-30 पर फर्राटे भरते वाहन बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं की बड़ी वजह है, इससे हाइवे पर वाहन चलाना ड्राइवरों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है. अकेले साल 2024 में विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं में कुल 198 लोग जान गंवा चुके हैं, जबकि साल 2025 में अब तक 70 की जान जा चुकी है.
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वाहन चालकों के लिए कब्रगाह बन गया है छत्तीसगढ़ का नेशनल हाइवे-30
गौरतलब है छत्तीसगढ़ के चार जिलों से गुजरते हुए नक्सल प्रभावित बस्तर जिले को जोड़ने वाली नेशनल हाइवे-30 वाहन चालकों के लिए कब्रगाह बन गया है. इनमें कोंडागांव जिला सड़क दुर्घटना के मामले में दूसरे स्थान पर है. नेशनल हाइवे पर बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के लिए लोग पैरेंट्स को दोषी ठहराते हैं, जो अपने नाबालिग बच्चों गाड़ी ड्राइव करने देते हैं.
ट्रैफिक पुलिस की कड़ी कार्रवाई से हाइवे पर दुर्घटनाओं में आएगी कमी
रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल हाइवे 30 में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं की प्रमुख वजह ट्रैफिक नियमों की अनदेखी है. एसपी अक्षय कुमार ने बताया कि जब कभी दुर्घटना होती है, तो मौके पर जाकर दुर्घटना के कारणों की जांच कर रहे हैं. जिसमें चालकों द्वारा ट्रैफिक नियमों की जा रही अनदेखी दुर्घटनाओं का बड़ा कारण नजर आया है.
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'अभिभावक ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करेंगे तो बच्चे कहा से करेंगे'
वहीं, नेशनल हाइवे पर बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए कोंडागांव जिले में तैनात ट्रैफिक इंस्पेक्टर ने कहा कि जब ट्रैफिक नियमों का पालन घर से शुरू होगा तभी बच्चे उसे देखते हुए नियमों का पालन करेंगे. बकौल ट्रैफिक इंस्पेक्टर, जब अभिभावक ही नियम का पालन नहीं करेंगे तो बच्चे कहा से करेंगे, जिससे दुर्घटनाओं में इजाफा हो रहा है.
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