Chhattisgarh Rajyotsav News: छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस राज्योत्सव का यादगार शुभारंभ किया गया. सोमवार को तीन दिवसीय कार्यक्रम का पहला दिन रहा है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य के रूप में इस आयोजन में शामिल हुए. सीएम यादव ने नगाड़ा बजाकर राज्योत्सव का शुभारंभ किया. अगले क्रम में सीएम साय ने भी नगाड़ा बजाकर प्रदेशवासियों को बधाई दी. इस दौरान छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुतियां दी गईं. नवा रायपुर के राज्योत्सव ग्राउंड के मुख्य मंच से छत्तीसगढ़ी लोक-कला के कई रंग दिखे. कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने की. कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा सहित मंत्री, सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि सहित हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे.
सीएम साय ने कहा- छत्तीसगढ़ बड़े ऋषियों का क्षेत्र रहा है, हमारा छत्तीसगढ़ तपोभूमि रहा है. मुख्यमंत्री मोहन यादव परिवार की तरह हैं. प्रदेश अलग-अलग भले हो गए हैं, लेकिन सगे भाई की तरह हम लोग एक रहेंगे. छत्तीसगढ़ ने 24 साल लगातार विकास की यात्रा की है. प्रथम तीन साल कांग्रेस की सरकार भी छत्तीसगढ़ ने देखा हुआ.डॉ. रमन सिंह चाउर वाले बाबा के साथ विकास पुरुष भी हैं. 15 साल में छत्तीसगढ़ का सभी क्षेत्रों में विकास हुआ.
छत्तीसगढ़ का "विजन डॉक्यूमेंट" तैयार है- CM
हमारी सरकार को 10 महीने हुए हैं, 10 महीने में मोदी की गारंटी को पूरा कर रहे हैं. महतारी वंदन, राम लाल दर्शन, पीएससी घोटाले की जांच जैसे मोदी के गारंटी पूरे हुए. विकसित छत्तीसगढ़ का "विजन डॉक्यूमेंट" तैयार है. प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत के सपने को साकार करने का काम कर रहे हैं.
राज्योत्सव में इन गीतों ने खूब बांधा समां
छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के शुभारंभ के पूर्व से ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों का दौर शुरू हो गया. सुप्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी लोक कलाकार स्व.लक्ष्मण मस्तुरिहा के गीतों की प्रस्तुति ने खूब समां बांधा. रिखी क्षत्रीय की टीम ने छत्तीसगढ़ राज्य में अलग-अलग महीनों में आयोजित होने वाले तीज-त्यौहार एवं लोकपर्व आधारित कार्यक्रमों की संवाद, गीत एवं नृत्य के माध्यम से शानदार प्रस्तुति दी. उनकी टीम ने तीजा-पोरा, जंवारा, हरेली, गौरी-गौरा पूजा के साथ ही सुवा नृत्य एवं करमा नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. रिखी क्षत्रीय की टीम की सभी प्रस्तुतियों का दर्शकों ने ताली बजाकर सराहा.
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ढोला-मारू की प्रस्तुति रही खास
इससे पूर्व रजनी रजक की लोकगाथा पर आधारित ढोला-मारू की प्रस्तुति रेवा-पेरवा जादूगरनी की कहानी को गायन विधा में और महेन्द्र चौहान व उनके साथी द्वारा प्रस्तुत आदिवृंदम एवं चन्द्रभूषण वर्मा की प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा.
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