Chhattisgarh Today News: छत्तीसगढ़ के एमसीबी जिले से एक अच्छी खबर सामने आई है. अक्सर आपने लोगों को यह कहते सुना होगा कि अगर कुछ हासिल करने की चाह मन में हो तो उम्र या कोई और चीज़ उसके आगे बाधा नहीं बनती. बस इच्छा शक्ति मजबूत होनी चाहिए. इसी बात को छत्तीसगढ़ की संजीदा खातून ने सच कर दिखाया है. आठ बड़े ऑपरेशन और कई बड़ी बीमारियों को मात देकर संजीदा खातून ने आयरन गेम में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ समेत जिले का नाम रोशन किया है. अब वे नई पीढ़ी की महिलाओं के लिए आइकॉन बन चुकी हैं. 55 साल की संजीदा खातून ने एक बार फिर मास्टर वर्ग में योग, पावर लिफ्टिंग और तवा फेंक में 3 स्वर्ण पदक हासिल किया.
सलिता पनेरिया ने जीता 2 गोल्ड
आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित विभिन्न खेलों में चिरमिरी की दो महिलाओं ने स्वर्ण पदक हासिल किया है. संयुक्त भारतीय खेल फाउंडेशन द्वारा 24 से 26 मई तक आयोजित राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में 38 तरह की स्पर्धा आयोजित की गई. इसमें 22 राज्यों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया. अंडर 30 सीनियर महिला वर्ग में सलिता पनेरिया ने योग और पावर लिफ्टिंग में 2 स्वर्ण पदक हासिल किया.
ऑपरेशन के बाद बेजान हो गई थी बॉडी
बता दें कि संजीदा खातून ने बड़ी बीमारियों को मात देकर स्पाइनल डिस्क जैसे ऑपरेशन के बाद बेजान हो चुके शरीर को व्यायाम और योग की मदद से न केवल ठीक किया बल्कि पावर लिफ्टिंग जैसे आयरन गेम से राष्ट्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. वे बेटी बचाओ मंच की मदद से अपने क्षेत्र की बेटियों, महिलाओं को शारीरिक रूप से मजबूत बनाने के साथ खेल के लिए भी तैयार करती हैं. खासबात यह है कि एमसीबी जिले के चिरमिरी शहर की 25 और मनेंद्रगढ़ की आठ महिलाएं जिम जाकर पॉवर लिफ्टिंग, स्ट्रेंथ लिफ्टिंग और वेट लिफ्टिंग जैसे स्पोर्ट्स के लिए पसीना बहा रही हैं.
बीमारियों को दी ऐसे मात
जिला एमसीबी छत्तीसगढ़ की मास्टर 2 महिला वर्ग से चिरमिरी, छत्तीसगढ़ की 55 वर्षीय संजीदा खातून ने पावरलिफ्टिंग, स्ट्रेंथ लिफ्टिंग और वेट लिफ्टिंग में न सिर्फ जिला और राज्य समेत राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परचम लहराया है. 55 वर्षीय संजीदा खातून छह बार छत्तीसगढ़ स्ट्रॉन्ग वूमेन और तीन बार नेशनल स्ट्रांग वूमेन का खिताब अपने नाम कर चुकी हैं. संजीदा ने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति से स्पाइनल डिस्क के ऑपरेशन के बाद योग और कसरत के साथ सही खानपान की मदद से अपनी कई लाइलाज बीमारियों को दूर करने में सफलता पाई है.
नेशनल रिकॉर्ड में नाम दर्ज
वहीं, पावर लिफ्टिंग में अपनी पहचान बनाई और स्ट्रेंथ लिफ्टिंग में नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम कर चुकी हैं. यही नहीं, नारी शक्ति के लिए एक उदाहरण हैं, जो स्वयं की बेटियों के अलावा अन्य समाज की महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं.
ये भी पढ़ें- चिंताजनक: 797 में से 75 महिलाएं जीतीं, फट गया नारी वंदन का ढोल... पिछला प्रदर्शन भी नहीं दोहरा पायीं नारियां