Chhattisgarh News: सूरजपुर में हो रहा है कोयले का अवैध खनन, पुलिस- प्रशासन ने मूंद रखी है अपनी आंखें?

इस पूरे मामले में वन विभाग, जिला प्रशासन, खनिज विभाग और पुलिस इस अवैध गोरखधंधे की जानकारी से इनकार कर रहे हैं. वन विभाग जिला प्रशासन और खनिज विभाग इस मामले में चुप्पी साधे हुए है. वहीं पुलिस विभाग कह रही है कि उन्हें एनडीटीवी के माध्यम से जानकारी मिली है.

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इस इलाके में लगभग 500 की संख्या में अवैध कोयला खदान खोल दिए हैं

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ का सूरजपर जिला प्राकृतिक सौंदर्य और खनिज संपदा के लिए जाना जाता है, लेकिन पिछले कुछ सालों में यह जिला कोल माफियाओं के लिए जन्नत की तरह हो गया है. दरअसल सूरजपुर जिले में काले हीरे के नाम से जाने जाने वाला कोयला काफी मात्रा में उपलब्ध है. जिसका अवैध रूप से दोहन कर कोयला तस्कर मोटी रकम कमा रहे हैं. वहीं अवैध कोयला निकालने के चक्कर में ये लोग ग्रामीणों की जान जोखिम में डाल रहे हैं.

इन कोल तस्करों की वजह से अभी तक कई ग्रामीणों की जान भी जा चुकी है. बावजूद इसके जिला प्रशासन वन विभाग और पुलिस की निष्क्रियता का यह नतीजा है कि आज भी धड़ल्ले से यह अवैध कारोबार, जिले में संचालित हो रहा है. इस काले कारोबार को बेपर्दा करती हुई एनडीटीवी की ये रिपोर्ट पढ़िए.

हो रही है कोयले की अवैध तस्करी

सूरजपुर में ओडगी ब्लॉक में कर्रा ग्राम पंचायत है. इस इलाके में काला हीरा कहे जाने वाला कोयला प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. कहीं भी महज कुछ फीट गड्ढा खोदने के बाद यहां पर बेस्ट क्वालिटी का कोयला आसानी से मिल जाता है.इस ओर सरकार का ध्यान तो नहीं जा रहा है, लेकिन कोल माफिया इसका भरपूर फायदा उठा रहे हैं. और ग्रामीणों को मामूली पैसों का लालच देकर अवैध कोयले की तस्करी कर रहे हैं.

इन लोगों ने इस इलाके में लगभग 500 की संख्या में अवैध कोयला खदान खोल दिए हैं. जिसमें सुरक्षा की दृष्टि से कोई उपाय नहीं किए गए हैं, सुरंगनुमा गड्ढा खोदकर यहां से प्रतिदिन लाखों रुपए का कोयला निकाला जा रहा है और इसे स्थानीय ईंट भट्ठों में कम कीमत पर बेच दिया जाता है. जिससे एक ओर सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है, तो वहीं यह मौत की खदान कई ग्रामीणों के लिए कब्रगाह बन चुकी है.

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पुलिस- प्रशासन ने मूंद रखी हैं आंख

इस पूरे मामले में वन विभाग, जिला प्रशासन, खनिज विभाग और पुलिस इस अवैध गोरखधंधे की जानकारी से इनकार कर रहे हैं. वन विभाग जिला प्रशासन और खनिज विभाग इस मामले में चुप्पी साधे हुए है. वहीं पुलिस विभाग कह रही है कि उन्हें एनडीटीवी के माध्यम से जानकारी मिली है और अब वो आगे की कार्रवाई करेंगे.

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तीन दिन पूर्व इसी तरह की अवैध कोयला में चोरी करने गए ग्रामीण की खदान धसने से मौत हो गई थी. इसके बाद जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के द्वारा इस बात का दावा किया गया था कि इस तरह के अवैध खदानों पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जाएगा, लेकिन यह दावा खोखला ही साबित होता दिख रहा है.

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