Chhattisgarh : गले में दूध फंसने से हुई मासूम की मौत! 'लापरवाही' पर स्वास्थ्य विभाग की सफाई 

आंगनबाड़ी में बच्चे को टीका लगाया गया जिसके बाद बच्चे को बुखार था. इस बात की जानकरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को भी दी गई थी. तो कहा गया कि टीका लगाने पर बुखार आना सामान्य बात है. लेकिन बुधवार की रात भी बच्चे की तबियत ठीक नहीं हुई और तड़के करीब 3.30 बजे बच्चे की मौत हो गई.

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Ambikapur News : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सरगुजा (Surguja) जिले के मैनपाट में संदिग्ध हालत में एक नवजात की मौत हो गई. मासूम बच्चे की उम्र करीब 90 दिन की बताई जा रही है. खबर के मुताबिक, परिजनों ने टीकाकरण के बाद अचानक से बच्चे की मौत की बात कही है. मामले का खुलासा होने के बाद सरगुजा स्वास्थ्य विभाग ने हड़कंप मच गया है. इस मामले में अभी कोई भी स्वास्थ्य अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बुधवार को बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए कमलेश्वरपुर भेज दिया गया था. जिसकी रिपोर्ट आने के बाद सरगुजा CMHO ने कहा कि बच्चे के सांस नली एवं गले में दूध फंसा मिला है. विसरा व ब्लड सैंपल प्रिजर्व किया गया है जिसे जांच के लिए रायपुर मेडिकल लेबोरेटरी में भेजा गया है. घटना के बाद से इलाके में टीकाकरण अभियान को लेकर चर्चा तेज़ हो गई है.

संदिग्ध हालत में एक नवजात की मौत से हड़कंप

दरअसल, घटना मंगलवार की है... जब मैनपाट के परपटिया गांव में रहने वाले सहत राम मझवार और फूलमती दोनों पति-पत्नी अपने 3 महीने के बच्चे को लेकर ढोढ़ीटिकरा के आंगनबाड़ी केंद्र में गए थे. आंगनबाड़ी में बच्चे को टीका लगाया गया था. जिसके बाद बच्चे को सामान्य तरह का बुखार था जिसकी जानकारी सहित ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दी थी लेकिन उसे कहा गया कि टीका लगाने पर बुखार आता है. लेकिन बुधवार की रात भी बच्चे की तबियत ठीक नहीं हुई और तड़के करीब 3.30 बजे बच्चे की मौत हो गई. सुबह जब मृतक के पिता ने इसकी जानकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दी तो हड़कंप मच गया.

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आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग ने कराया पोस्टमार्टम

टीकाकरण के बाद बच्चे की मौत होने की जानकारी मिलने से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हरकत में आ गए और CMHO डॉ. प्रेम सिंह मार्को के निर्देश पर बच्चे के शव को कमलेश्वरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाकर शव का पोस्टमार्टम किया गया. बच्चे के शव का विसरा एवं ब्लड सैंपल प्रिजर्व किया गया है जिसे जांच के लिए रायपुर भेजा गया है. बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने मैनपाट के आंगनबाड़ी केंद्र में मंगलवार को सात बच्चों को पेंटावेलेंट वैक्सीन लगाया गया था. सभी बच्चों की पुनः जांच की गई स्वास्थ्य कर्मियों ने अन्य बच्चों के परिजनों से भी संपर्क किया गया तो अन्य बच्चों के परिजनों ने बताया कि टीका के बाद सामान्य बुखार आया था. लेकिन अब सभी बच्चे सामान्य है.

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मासूम की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

लेकिन एक बच्चे की मौत होना स्वास्थ्य विभाग के लिए परेशानी का कारण बन गया है. बहरहाल, इस घटना के बाद सरगुजा स्वास्थ्य विभाग की तरफ से ट्राइबल इलाके में अभियान चलाए जा रहे हैं. टीकाकरण कार्यों की फिर से जांच करने का आदेश जारी किया गया है. इसके साथ ही टीकाकरण में आने वाले बच्चों की स्थिति का भी पूरा जायजा लेने का आदेश दिया गया है. बच्चे की मौत से घर वालों में रो-रो कर कोहराम मच गया है.

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सांस नली में दूध फंसने से मौत की संभावना

सरगुजा CMHO डॉ. प्रेम सिंह मार्को ने इस बारे में बताया गया है कि पोस्टमार्टम के दौरान बच्चे के नाक एवं सांस की नली में दूध फंसा मिला है. ऐसे में  संभावना जताई जा रही है कि बच्चे के रोने पर रात को उसकी मां ने दूध पिलाया होगा और रोने के साथ दूध पीने के दौरान बच्चे की सांस की नली में दूध फंस गया होगा जिससे सांस नहीं लेने के कारण उसकी मौत हो गई होगी. उन्होंने बताया कि बच्चे के शव का पोस्टमार्टम करा बिसरा प्रिजर्व किया गया है. विसरा जांच में मौत के कारण और साफ हो पाएंगे.

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