कांग्रेस से कटा टिकट, छत्तीसगढ़ के विधायक चिंतामणि महाराज ने कहा- BJP में आ जाऊंगा अगर...

चिंतामणि महाराज प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता दिवंगत संत रामेश्वर गहिरा गुरु के पुत्र हैं, जिनका उत्तरी छत्तीसगढ़ में, विशेषकर आदिवासियों के बीच उनके कार्यों के चलते काफी प्रभाव था.

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कांग्रेस विधायक चिंतामणि महाराज दिखा रहे बगावती सुर

Chhattisgarh Assembly Election : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस विधायक चिंतामणि महाराज (Congress MLA Chintamani Maharaj) ने रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) यदि उन्हें अंबिकापुर (Ambikapur) सीट से मैदान में उतारती है तो वह भाजपा (BJP) में शामिल होने पर विचार कर सकते हैं. महाराज को अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के लिए कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया है. महाराज ने यह भी दावा किया कि भाजपा उन्हें अगले लोकसभा चुनाव में टिकट देने के लिए तैयार है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के उपमुख्यमंत्री टी एस सिंह देव (T. S. Singh Dev) अंबिकापुर से मैदान में हैं.

भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल और पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय रविवार को चिंतामणि महाराज द्वारा बलरामपुर जिले के कुसमी क्षेत्र में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए. महाराज वर्तमान में बलरामपुर जिले की सामरी सीट से विधायक हैं, जहां कांग्रेस ने विजय पैकरा को मैदान में उतारा है, जबकि बलरामपुर जिला पंचायत सदस्य उदेश्वरी पैकरा भाजपा उम्मीदवार हैं. धार्मिक कार्यक्रम से इतर अग्रवाल और साय, महाराज से चर्चा करते दिखे.

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अंबिकापुर से चुनाव लड़ने की जताई इच्छा

महाराज ने कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि भाजपा उन्हें 2024 में लोकसभा चुनाव में उतारने के लिए तैयार है लेकिन उन्होंने अगले महीने अंबिकापुर से विधानसभा चुनाव लड़ने की शर्त रखी है. उन्होंने कहा कि भाजपा नेता उस कार्यक्रम में शामिल होने आए थे, जिस दौरान मां काली की 31 फुट ऊंची मूर्ति का अनावरण किया गया. महाराज ने कहा, 'उन्होंने (भाजपा नेताओं ने) यह भी कहा कि यदि मैं उनके साथ शामिल हो जाऊं तो अच्छा होगा.

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मैंने शर्त रखी है कि अगर वे मुझे अंबिकापुर से मैदान में उतारने पर सहमत हों तो मैं (भाजपा में शामिल होने) पर विचार करूंगा.

हालांकि, उन्होंने कहा कि जो लोग अंबिकापुर सीट (भाजपा से) से तैयारी कर रहे हैं, वे नाराज हो जाएंगे. वे मुझे लोकसभा चुनाव में खड़ा करने के लिए तैयार हैं.'

चिंतामणि महाराज ने रखी शर्त

महाराज ने दावा किया कि उन्होंने भाजपा नेताओं से कहा है कि वह छह महीने बाद अंबिकापुर सीट खाली कर देंगे और लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा, 'जो (भाजपा नेता) अब चुनाव लड़ना चाहते हैं, उन्हें (यदि उपचुनाव होता है) वहां से मैदान में उतारा जा सकता है. अगर वे इस शर्त को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं तो मैं (भाजपा में शामिल होने) पर भी विचार करूंगा.'

भाजपा ने अभी तक अंबिकापुर सीट के लिए उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, जिसका प्रतिनिधित्व वर्तमान में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टी एस सिंह देव करते हैं. उन्हें इस सीट से दोबारा उम्मीदवार बनाया गया है.

नब्बे सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए 7 और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा. सामरी और अंबिकापुर उन 70 सीटों में से हैं, जिन पर दूसरे चरण में मतदान होगा. वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी.

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'चिंतामणि महाराज के साथ हुआ अन्याय'

महाराज प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता दिवंगत संत रामेश्वर गहिरा गुरु के पुत्र हैं, जिनका उत्तरी छत्तीसगढ़ में, विशेषकर आदिवासियों के बीच उनके कार्यों के चलते काफी प्रभाव था. महाराज से चर्चा के बारे में पूछे जाने पर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, 'चिंतामणि महाराज जी के साथ जो हुआ वह उनके साथ अन्याय है. वह दुखी हैं (परोक्ष तौर पर टिकट कटने के बाद) और हम उनका दर्द बांटने आए हैं.' यह पूछे जाने पर कि न्याय कौन करेगा, भाजपा नेता ने कहा कि चूंकि महाराज कांग्रेस में हैं, इसलिए वही उनके साथ न्याय करेगी. अग्रवाल ने भाजपा में शामिल होने के लिए महाराज द्वारा रखी 'पूर्व शर्तों' को लेकर संवाददाताओं के सवाल को टाल दिया.