छत्तीसगढ़ में कई जगहों पर टॉर्च की रोशनी में हुई वोटिंग,मतदान पर पड़ी मौसम की मार

छत्तीसगढ़ में तीसरे चरण के मतदान के बीच दोपहर बाद अचानक मौसम बिगड़ गया. कई स्थानों पर तेज हवा के साथ बारिश होने से मतदान प्रभावित हुआ है. आंधी की वजह से बालौदा बाजार और सूरजपुर में तो पेड़ गिरने से बिजली की आपूर्ति भी बाधित हो गई. जिसकी वजह से कई मतदान केन्द्रों में टॉर्च की रोशनी (voting in torch light) में मतदान कराना पड़ा. हालांकि मौसम के बदले मिजाज से लोगों को गर्मी से राहत जरूर मिली है.

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Loksabha Chunav 2024: छत्तीसगढ़ में तीसरे चरण के मतदान के बीच दोपहर बाद अचानक मौसम बिगड़ गया. कई स्थानों पर तेज हवा के साथ बारिश होने से मतदान प्रभावित हुआ है. आंधी की वजह से बालौदा बाजार (Baloda Bazar) और सूरजपुर (Surajpur) में तो पेड़ गिरने से बिजली की आपूर्ति भी बाधित हो गई. जिसकी वजह से कई मतदान केन्द्रों में टॉर्च की रोशनी (voting in torch light) में मतदान कराना पड़ा. हालांकि मौसम के बदले मिजाज से लोगों को गर्मी से राहत जरूर मिली है. कुछ जगहों पर तो मौसम सुहाना होने पर मतदाता छाता लेकर भी पोलिंग बूथ (Pooling booth) पर पहुंचते दिखाई दिए. वैसे छत्तीसगढ़ में शाम पांच बजे तक 66.9 फीसदी वोटिंग हो चुकी है. पिछली बार इन्हीं सात सीटों पर 70.9 फीसदी वोटिंग हुई थी. 

बारिश की वजह से कई जगहों पर मतदाता छाता लेकर पहुंचे पोलिंग बूथ पर

मिली जानकारी के मुताबिक दोपहर को करीब 3 बजे के बाद सुरजपुर, बालौदा बाजार, बेमेतेरा, बिलासपुर, सरगुजा और कोरबा में मौसम का मिजाज बदल गया. जिसकी वजह से बालौदा बाजार के पंडित लक्ष्मी प्रसाद तिवारी कन्या शाला स्कूल में बिजली की आपूर्ति बंद हो गई और वहां टॉर्च की रोशनी में मतदान कराना पड़ा. इसी तरह से सूरजपुर के कई मतदान केन्द्रों पर भी अंधेरा छा गया. वहां भी मोबाइल टॉर्च की रोशनी में मतदान कर्मियों ने मतदान कराया. कोरबा में भी कुछ केन्द्रों में ब्लैकआउट की स्थिति बन गई.कोरबा में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष रेणु जोगी और प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी को भी मोबाइल टॉच की रोशनी में मतदान करना पड़ा है.

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बेमतेरा में टेंट उखड़े, कुर्सियां बिखरीं

बेमतेरा में हालात और भी खराब नजर आए. दरअसल यहां प्रशासन ने कृषि उपज मंडी प्रांगण में मतदान सामग्रियों के रखने का इंतजाम किया था. लेकिन आंधी की वजह से वहां लगाए टेंट फट गए और कुर्सियां और दूसरे सामान अस्त-व्यस्त हो गए. जिसके बाद जिला प्रशासन को आनन-फानन में वैकल्पिक इंतजाम करने पड़े. कोरबा में पहले तो धूल भरी आंधी चली उसके बाद शाम 4.30 बजे के करीब ही अंधेरा छा गया. जिससे सड़क पर गाड़ियों को लाइट जला कर चलना पड़ा. वैसे मौसम विभाग ने एक दिन पहले ही बता दिया था कि छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में तेज आंधी के साथ बारिश की आशंका है. उधर बिलासपुर में सुबह से ही मौसम का मिजाज बदला दिखाई दिया.यहां सुबह से आसमान पर बादल छाए रहे और हवाएं चलती रही. जिसकी वजह से लोगों को गर्मी से राहत मिली है. 
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