CG High Court: करंट से हाथियों की मौत पर सख्त छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट, वन और बिजली विभाग को लगाई फटकार

CG News: छत्तीसगढ़ में करंट से हाथियों की मौत मामले में हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है. वन विभाग और बिजली विभाग की लापरवाही पर कोर्ट ने कार्रवाई की बात कही है. इसके साथ ही केंद्र के निर्देशों के अनुरूप बिजली के वायर लगाने के आदेश दिए हैं.

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Death of Elephants Due To Electric Shock: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट (Chhattisgarh High Court) करंट से हाथियों की हो रही मौत को लेकर सख्त दिखा. सोमवार को एक जनहित याचिका (Public Petition) की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने वाइल्ड लाइफ को नहीं बचाने और वन विभाग की लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही. दरअसल, बीते जून महीने की एक घटना को कोर्ट के संज्ञान में लाया गया. जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा (CJ Ramesh Sinha) और न्यायमूर्ति रवींद्र कुमार अग्रवाल (Justice Ravindra Kumar Agrawal) की युगल पीठ ने मामले पर कड़ी टिप्पणी की.

याचिकाकर्ता ने पीठ को बताया कि पिछले तीन साल में करंट की चपेट में आने से 21 हाथियों की मौत हो चुकी है. वन विभाग और बिजली विभाग की लापरवाही से इन हाथियों की जान गई है. जिस पर कोर्ट ने पूछा कि क्या सब ऐसे ही खत्म हो जाएगा?

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जून महीने में करंट से हाथी की हुई थी मौत

याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया कि जून 2024 में सूरजपुर के पास जंगल में एक खेत में लगे 11 केवी के पोल से एक हाथी टकरा गया जिससे पोल झुक गया. इसके बाद दूसरे हाथी की झुके वायर के संपर्क में आने से मौके पर ही मौत हो गई. फोटो देख कोर्ट ने कहा पोल को जल्दबाजी में लगाया गया. ऐसे पोल एक झटके में निकल जाएंगे. कोर्ट को बताया गया कि 26 जून 2024 को ऊर्जा विभाग, विद्युत वितरण कंपनी और वन विभाग के अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया कि 11 केवी लाइन, 33 केवी लाइन और एलटी लाइन के झुके हुए तारों को कसने का काम और तार की ऊंचाई बढ़ाने का काम किया जाएगा. 

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इसके साथ ही वन क्षेत्र, हाथी रहवास, हाथी विचरण क्षेत्र में भूमिगत बिजली की लाइन बिछाने या इंसुलेटेड केबल लगाने का कार्य और स्पाई युक्त खंभों का प्रयोग करने का कार्य ऊर्जा विभाग और छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी करेगी.

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20 फीट ऊंचे होने चाहिए बिजली के तार

26 जून 2024 की बैठक में केंद्र के बनाए गए निर्देशों का पालन करने पर सहमति बनी थी. जिसके अनुसार विद्युत कंपनी को सभी झुकी हुई लाइनों को ठीक करना है. बिजली लाइन के वायर को वन क्षेत्र में जमीन से कम से कम 20 फीट ऊंचाई पर करना और 11 केवी और एलटी लाइन के कंडक्टर को बदलकर कवर्ड कंडक्टर लगाना है. भारत सरकार के फॉरेस्ट कंजर्वेशन डिवीजन की अनुशंसा के अनुसार बिजली लाइन की ऊंचाई हाथियों की अधिकतम ऊंचाई के अनुसार होगी. बता दें कि कोई भी हाथी अपने पिछले पांव पर खड़े होने पर और सूंड ऊपर करने पर 20 फीट तक पहुंच सकता है. 

बिलासपुर हाई कोर्ट (Bilaspur High Court) ने सुनवाई के दौरान कहा कि जान चाहे इंसान की हो या जानवर की, जान कीमती होती है. कोर्ट ने आदेश दिया कि केंद्र द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन किया जाए. इस मामले की अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी.

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