छत्तीसगढ़ में बड़ा प्रशासनिक बदलाव, अब सामान्य दौरों में इन्हें नहीं मिलेगी गार्ड ऑफ ऑनर, सरकार ने लिया फैसला

छत्तीसगढ़ सरकार ने सामान्य जिला दौरों के दौरान गृहमंत्री, मंत्रियों, डीजीपी और वरिष्ठ अधिकारियों को दिए जाने वाले गार्ड ऑफ ऑनर को समाप्त कर दिया है. गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि यह फैसला पुलिस की कार्यक्षमता बढ़ाने और अनावश्यक परंपराओं को खत्म करने के लिए लिया गया है.

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गृह मंत्री विजय शर्मा.

छत्तीसगढ़ सरकार ने पुलिस व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए जिलों के सामान्य दौरों के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर देने की परंपरा समाप्त कर दी है. गृह मंत्री विजय शर्मा ने इसे पुलिस की कार्यक्षमता बढ़ाने और अनावश्यक परंपराओं को खत्म करने की दिशा में जरूरी कदम बताया. हालांकि, राष्ट्रीय पर्व और राजकीय समारोहों में सलामी की परंपरा पहले की तरह जारी रहेगी.

छत्तीसगढ़ सरकार ने एक अहम प्रशासनिक फैसला लेते हुए गृहमंत्री, अन्य मंत्रियों, डीजीपी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सामान्य जिला दौरे, आगमन और प्रस्थान पर दी जाने वाली गार्ड ऑफ ऑनर व्यवस्था को समाप्त कर दिया है. यह निर्णय राज्य की पुलिस व्यवस्था को अधिक प्रभावी और कार्योन्मुखी बनाने के उद्देश्य से लिया गया है.

गृह मंत्री विजय शर्मा ने प्रेस वार्ता में बताया कि यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही थी, लेकिन वर्तमान समय में इसकी प्रासंगिकता और उपयोगिता पर सवाल खड़े हो रहे थे. उन्होंने कहा कि गार्ड ऑफ ऑनर में पुलिस बल का बड़ा हिस्सा व्यस्त हो जाता था, जिससे श्रम और समय दोनों की अनावश्यक खपत होती थी.

गृह मंत्री विजय शर्मा ने स्पष्ट किया है कि गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, शहीद पुलिस स्मृति दिवस, राष्ट्रीय एकता दिवस और अन्य राजकीय समारोहों में गार्ड ऑफ ऑनर की परंपरा यथावत रहेगी. मुख्यमंत्री को भी प्रोटोकॉल के तहत पहले की तरह सलामी दी जाती रहेगी. उन्होंने संकेत दिए कि आने वाले समय में पुलिस व्यवस्था और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में और भी सुधारात्मक बदलाव किए जा सकते हैं, जिन पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है.

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