CG News: धमतरी के सेमरा में एक हफ्ते पहले मनाई गई दिवाली; जानिए क्याें है ऐसी परंपरा

Chhattisgarh Dhamtari Diwali: गांव के लोग बताते हैं कि इस गांव की परंपरा को कोई भी व्यक्ति तोड़ने की कोशिश नहीं करता. क्योंकि अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है. तो गांव में कुछ न कुछ अनहोनी हो सकती है. कुछ लोगों ने इस परंपरा को तोड़ने का प्रयास किया था, लेकिन इस गांव में आगजनीऔर बाढ़ जैसी स्थिति बन गई थी. तब से इस परंपरा को गांव के किसी भी व्यक्ति ने तोड़ने का प्रयास अब तक नहीं किया.

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CG News: धमतरी के सेमरा में एक हफ्ते पहले मनाई गई दिवाली; जानिए क्याें है ऐसी परंपरा

Chhattisgarh Dhamtari Diwali: धमतरी जिले का एक ऐसा गांव जहां दीपावली का पर्व एक सप्ताह पूर्व मनाई गयी. यहां ये परंपरा कई सदियों से पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है. पूरा देश एक तरफ जहां 20 अक्टूबर को दीपावली का पर्व मनाएगा और दीपोत्सव की तैयारी जोर-शोर से है वहीं धमतरी जिले का सेमरा सी गांव में दीपावली का त्योहार एक सप्ताह पूर्व मना लिया गया. इस गांव में हर त्यौहार एक सप्ताह पूर्व मनाने की परंपरा लगातार चली आ रही है. सेमरा गांव में दीपावली का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया.

Chhattisgarh Dhamtari Diwali: सिरदार देव मंदिर

क्यों है ऐसी परंपरा?

ग्रामीण बताते हैं कि गांव के पुजारी के सपने में सिरदार देव आए थे, उन्होंने सेमरा सी गांव को एक बड़ी परेशानी से मुक्त किया था. इसके बाद उन्होंने कहा था कि गांव में कोई भी परेशानी या किसी प्रकार की आपदा नहीं आएगी, लेकिन गांव के लोगों को सबसे पहले मेरी पूजा करनी होगी. इसके बाद गांव में सिरदार देव का मंदिर स्थापित किया गया और हर त्यौहार में सबसे पहले सिरदार देव की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. इसके बाद ही अन्य कार्य शुरू किए जाते हैं.

सिरदार देव के इस मंदिर पर केवल पुरुष वर्ग ही मंदिर में जाकर पूजा अर्चन करते हैं, यहां पर महिलाओं का प्रवेश पूर्णत वर्जित है. इस गांव में दीपावली का पर्व, पोला, हरेली, होली जैसे सभी प्रमुख त्यौहार एक सप्ताह पूर्व मना लिए जाते हैं.

गांव के लोग बताते हैं कि इस गांव की परंपरा को कोई भी व्यक्ति तोड़ने की कोशिश नहीं करता. क्योंकि अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है. तो गांव में कुछ न कुछ अनहोनी हो सकती है. कुछ लोगों ने इस परंपरा को तोड़ने का प्रयास किया था, लेकिन इस गांव में आगजनीऔर बाढ़ जैसी स्थिति बन गई थी. तब से इस परंपरा को गांव के किसी भी व्यक्ति ने तोड़ने का प्रयास अब तक नहीं किया.

हर त्योहार के लिए निमंत्रण

हर त्योहार में सेमरा सी गांव के लोगों के द्वारा आसपास के क्षेत्र में निमंत्रण कार्ड बनवाकर लोगों के घर में दिए जाते हैं. त्योहार के लिए उन्हें अपने गांव बुलाया जाता है ताकि अन्य क्षेत्रों के लोग इस गांव में आकर हर त्योहार को देख सके और मना सके. इसके साथ ही सेमरा सी गांव की बेटी जिनका शादी हो चुका है, वह भी अपने मायके में अपने परिवार के साथ आकर इस त्यौहार में शामिल होती है और उन्हें दीपावली पर्व मनाने का दो अवसर भी प्राप्त होता है. एक तरफ महिलाएं अपने ससुराल में दीपावली का पर्व मानती है तो वहीं एक सप्ताह पूर्व अपने मायके में भी दीपावली का पर्व मनाने पहुंचती हैं.

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महिलाओं और बेटियों ने कहा कि हमें बहुत ही खुशी होती है कि हमारे गांव में हर त्यौहार एक सप्ताह पूर्व मना लिया जाता है. स्थानीय लोगों ने बताया कि बताया कि दीपावली पर्व को लेकर एक महीने पहले से ही गांव में तैयारी की जाती है. कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, बैठकें की जाती हैं. विधि विधान के साथ मां लक्ष्मी की मूर्ति गांव में स्थापित कर सभी गांव वाले एक जगह एकत्रित होकर मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं और पटाखे फोड़, कर पकवान बनाकर, घर में आए मेहमानों को लोगों को विशेष पकवान खिलाकर यह त्यौहार मनाया जाता है. वही गांव में हर घर में रंग बिरंगी लाइटिंग, झालर, घर के सामने रंगोली कई सारे सजावट किए हुए भी नजर आएं. वहीं गांव के युवाओं के द्वारा मां लक्ष्मी की विशेष तौर पर रंगोली बनाई गई जो गांव में काफी आकर्षक का केंद्र बनी रही.

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