'बलिदानी राजा गुरु बालकदास' छत्तीसगढ़ में टैक्स फ्री, सीएम साय ने की घोषणा, कहा- ये साहस और शौर्य की गाथा

मुख्यमंत्री साय ने घोषणा करते हुए कहा कि “बलिदानी राजा गुरु बालकदास” फिल्म को छत्तीसगढ़ में टैक्स फ्री किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक दर्शक इस प्रेरणादायी गाथा को देख सकें. अपने इतिहास और विरासत से जुड़ सकें.

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Balidani Raja Guru Balakdas Film: छत्तीसगढ़ी फिल्म 'बलिदानी राजा गुरु बालकदास' छत्तीसगढ़ में टैक्स फ्री होगी. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसकी घोषणा कर दी है. उन्‍होंने बीते सोमवार को राजधानी रायपुर स्थित अंबुजा मॉल के सिनेमाघर में यह फिल्म भी देखी.

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “बलिदानी राजा गुरु बालकदास” फिल्म साहस और शौर्य की अनुपम गाथा है. गुरु बालकदास ने अंग्रेजों व पिंडारियों द्वारा किसानों पर किए जा रहे अत्याचार और भुखमरी के विरुद्ध न केवल संघर्ष किया, बल्कि समाज को संगठित करने का भी प्रयास किया. उन्होंने शिक्षा का अलख जगाने, सामाजिक सद्भाव को बढ़ाने और अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों का विरोध करने के साथ ही स्वतंत्रता संग्राम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

हम अपने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को जानें

मुख्यमंत्री साय ने घोषणा करते हुए कहा कि “बलिदानी राजा गुरु बालकदास” फिल्म को छत्तीसगढ़ में टैक्स फ्री किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक दर्शक इस प्रेरणादायी गाथा को देख सकें. अपने इतिहास और विरासत से जुड़ सकें. उन्‍होंने कहा कि हमारा छत्तीसगढ़ शुरू से ही वीर शहीदों और संत-महात्माओं की धरती रहा है। आवश्यकता है कि हम अपने महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के इतिहास को जानें और समझें. सीएम ने कहा कि यह फिल्म छत्तीसगढ़ की स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका, राज्य की समृद्ध संस्कृति, सामाजिक सद्भाव, अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष और जीवन की सहजता को अत्यंत सुंदर ढंग से प्रस्तुत करती है.

स्थानीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिलेगा

मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ी सिनेमा की प्रतिभाओं की सराहना करते हुए कहा कि हमारे कलाकार, निर्देशक और पूरी यूनिट मेहनत और लगन से कार्य कर रही है. यही कारण है कि छत्तीसगढ़ी सिनेमा आज दर्शकों के दिलों को छू रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित फिल्म सिटी का निर्माण छत्तीसगढ़ी सिनेमा को बेहतर अधोसंरचना, अधिक अवसर और राष्ट्रीय मंच प्रदान करेगा। इससे स्थानीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिलेगा और राज्य की सांस्कृतिक पहचान और भी सशक्त होगी.

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