Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) ने मंगलवार को वीर बाल दिवस के अवसर पर राज्य के चार वीर बालक-बालिकाओं को उनके साहसिक और वीरता पूर्ण कार्य के लिए सम्मानित किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री साय ने कोरबा के अमर ज्योति जाहिरे, महासमुंद की छाया विश्वकर्मा, धमतरी की जान्हवी राजपूत और धमतरी की भामेश्वरी निर्मलकर को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया.
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने बच्चों को सम्मानित कर उनका हौसला बढ़ाया तथा राज्य शासन की ओर से चारों वीर बालक-बालिका को 50-50 हजार रुपए देने की घोषणा की गई. अधिकारियों ने बताया कि कार्यक्रम का आयोजन 'छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी' की ओर से किया गया. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की थी कि 26 दिसंबर को श्री गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों-साहिबजादों की शहादत की स्मृति में वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा.
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सीएम ने की बच्चों की प्रशंसा
मुख्यमंत्री साय ने वीर बाल दिवस के अवसर पर बलिदानी चार वीर साहिबजादों को नमन करते हुए कहा, 'उनकी शहादत हमें प्रेरित करती है. वीर साहिबजादों ने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देना स्वीकार किया. प्रधानमंत्री मोदी ने आजादी के अमृतकाल के दौरान इन साहिबजादों के बलिदान को चिर स्थायी बनाने के लिए वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा की, हमारे लिए यह सौभाग्य की बात है.' उन्होंने सम्मानित चारों वीर बालक-बालिकाओं के साहसिक कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा, 'जान की परवाह किए बिना इन बच्चों ने अपने परिजनों और साथियों का जीवन बचाया है.'
लगातार दूसरे वर्ष किया बच्चों का सम्मान
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री साय ने 'छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी' की ओर से किए जा रहे सामाजिक और बौद्धिक कार्यों की सराहना की. इस अवसर पर 'छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी' के संरक्षक डॉ. पूर्णेन्दु सक्सेना ने कहा, 'यह छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी के सदस्य के रूप में हमारा सौभाग्य है कि हम लगातार दूसरे वर्ष वीर बालकों का सम्मान कर पा रहे हैं. बच्चों ने अपनी बुद्धिमता, सक्रियता और साहस का परिचय देते हुए अपनों की जान बचाई है. निश्चित ही अन्य बच्चों को भी इनके अदम्य साहस से प्रेरणा मिलेगी.'
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जान पर खेलकर बचाई दूसरों की जान
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री के हाथों सम्मानित होने वाले चार बालक—बालिकाओं में 15 वर्षीय अमर ज्योति जाहिरे ने पिकनिक के दौरान अपने दोस्त को डूबने से बचाया था. वहीं, 13 वर्षीय जान्हवी राजपूत ने हिम्मत दिखाते हुए करंट की चपेट में आए अपने पांच वर्षीय भाई की जान बचाई थी. उन्होंने बताया कि इसी तरह 15 वर्षीय छाया विश्वकर्मा ने पागल कुत्ते से अपनी बहन की जान बचाई थी तथा धमतरी जिले की 12 वर्षीय भामेश्वरी निर्मलकर ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए दो बालिकाओं को तालाब में डूबने से बचाया था.