CG Cabinet Expansion: साय कैबिनेट का विस्तार; नए मंत्रियों को मिल सकती है इन विभागों की जिम्मेदारी

Chhattisgarh Cabinet Expansion: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित राजभवन में तीन विधायकों राजेश अग्रवाल, गुरु खुशवंत साहेब और गजेंद्र यादव ने मंत्री पद की शपथ ली.

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Chhattisgarh Cabinet Expansion: साय कैबिनेट का विस्तार

Chhattisgarh Cabinet Expansion: छत्तीसगढ़ में बुधवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया. राजधानी रायपुर स्थित राजभवन में तीन विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. राजभवन में राज्यपाल रमेन डेका ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन विधायकों राजेश अग्रवाल, गुरु खुशवंत साहेब और गजेंद्र यादव को मंत्री पद की शपथ दिलाई. आज तीन मंत्रियों की नियुक्ति के साथ साय के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है. शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह, साय मंत्रिमंडल के सदस्य, विधायक और अधिकारी मौजूद थे.

इनको मिल सकती है इस विभाग की जिम्मेदारी

सूत्रों के अनुसार दुर्ग से विधायक गजेंद्र यादव को शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है. वे पं. रविशंकर यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट हैं. उनकी शैक्षणिक योग्यता को देखते हुए उन्हें स्कूल, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सौंपे जाने की संभावना है. इसके लिए उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से तकनीकी शिक्षा विभाग भी लिया जा सकता है. दूसरी ओर आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब को लेकर चर्चा है कि उन्हें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी यानी पीएचई विभाग दिया जा सकता है. अभी ये विभाग उपमुख्यमंत्री अरुण साव के पास है साथ ही खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग भी उनके पास जाने की चर्चा है. वहीं मंत्री राजेश अग्रवाल को धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की जिम्मेदारी मिल सकती है. ये विभाग सरकार बनने के बाद बृजमोहन अग्रवाल के पास था उनके सांसद चुने जाने के बाद सीएम विष्णु देव साय के पास है.

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छत्तीसगढ़ में हरियाणा मॉडल

राज्य गठन के बाद से छत्तीसगढ़ में पिछली सरकार तक मुख्यमंत्री सहित 13 मंत्री रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ ने ‘हरियाणा मॉडल' अपनाया है, जहां 90 सदस्यीय विधानसभा में मुख्यमंत्री सहित 14 मंत्री होते हैं. संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, किसी राज्य के मंत्रिपरिषद का आकार, जिसमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं, विधानसभा की कुल संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता. 90 सदस्यों वाले छत्तीसगढ़ में यह सीमा 13.5 है, जिससे 14 कैबिनेट सदस्यों के लिए जगह बनती है. छत्तीसगढ़ में 90 सदस्यीय विधानसभा में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 14 सदस्य हो सकते हैं.

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राज्य में 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में जीत के बाद 13 दिसंबर, 2023 को नयी सरकार का गठन हुआ था. रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में हुए शपथ ग्रहण समारोह में विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री के रूप में तथा अरुण साव और विजय शर्मा ने उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. बाद में 22 दिसंबर 2023 को नौ अन्य विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी, जिसके बाद साय मंत्रिमंडल में कुल 12 सदस्य हो गए थे. 2024 के लोकसभा चुनाव में रायपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने जाने के बाद रायपुर दक्षिण सीट के विधायक और मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इस्तीफा दे दिया था, तब से साय मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत कुल 11 सदस्य ही थे.

मंत्रिमंडल विस्तार के बाद साय मंत्रिमंडल के 14 में से सात सदस्य- अरुण साव, लखनलाल देवांगन, श्याम बिहारी जायसवाल, ओ. पी. चौधरी, टंक राम वर्मा, लक्ष्मी राजवाड़े और गजेंद्र यादव अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं. वहीं मंत्रिमंडल के तीन सदस्य-मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, रामविचार नेताम और केदार कश्यप अनुसूचित जनजाति वर्ग (एसटी) से हैं. राज्य मंत्रिमंडल में अनुसूचित जाति (एससी) से दो सदस्य दयालदास बघेल और गुरु खुशवंत हैं तथा सामान्य वर्ग से दो सदस्य विजय शर्मा और राजेश अग्रवाल हैं. महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े मंत्रिमंडल में एकमात्र महिला सदस्य हैं. आज शपथ लेने वाले नए मंत्री अग्रवाल, खुशवंत और यादव पहली बार के विधायक हैं. नए मंत्रियों के साथ 14 सदस्यीय साय मंत्रिमंडल में आठ सदस्य ऐसे हो गए हैं जो पहली बार विधानसभा के लिए चुनकर आए हैं. साय मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े और वित्त मंत्री ओपी चौधरी भी पहली बार के विधायक हैं. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद साय सरकार में सरगुजा संभाग से पांच, बिलासपुर संभाग से तीन, रायपुर संभाग से दो, दुर्ग संभाग से तीन तथा बस्तर संभाग से एक सदस्य हैं.

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राज्य में 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को हराकर पांच वर्ष बाद सत्ता में वापसी की थी. भाजपा ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 54 सीट जीती हैं, जबकि कांग्रेस 35 सीट ही हासिल कर सकी. राज्य में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को एक सीट मिली है.

आज शपथ लेने वाले मंत्रियों में राजेश अग्रवाल (58) ने 2023 के विधानसभा चुनाव में राज्य के उत्तर क्षेत्र के सरगुजा संभाग के सबसे महत्वपूर्ण सीट अंबिकापुर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के तत्कालीन उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को महज 94 मतों हराया था. इस चुनाव में अग्रवाल को 90780 तथा सिंहदेव को 90686 वोट मिले थे. माना जा रहा है कि इस जीत ने ही अग्रवाल के लिए मंत्रिमंडल में जगह सुनिश्चित की है.

वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल को लोकसभा भेजने का फैसला किया था. रायपुर से सांसद चुने जाने के बाद बृजमोहन अग्रवाल ने विधायक और मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. तब से माना जा रहा था कि वैश्य समाज से एक विधायक को साय मंत्रिमंडल में जगह दिया जाएगा. भाजपा में इस समाज से वरिष्ठ नेता अमर अग्रवाल, राजेश मूणत, सुनील सोनी और संपत अग्रवाल भी विधायक हैं, लेकिन पार्टी ने पहली बार के विधायक राजेश अग्रवाल पर भरोसा जताया है. राजेश अग्रवाल पूर्व में कांग्रेस में भी रह चुके हैं. वह 2018 में भाजपा में शामिल हुए थे.

मंत्रिमंडल में शामिल किए गए गुरु खुशवंत (36) अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित आरंग विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मंत्री डॉक्टर शिव कुमार डहरिया को 16,538 मतों से पराजित किया. इस चुनाव में खुशवंत को 94039 मत तथा डहरिया को 77501 मत प्राप्त हुए. खुशवंत पहली बार के विधायक हैं.

गुरू खुशवंत अनुसूचित जाति में सबसे प्रभावशाली सतनामी समाज से हैं तथा वह समाज के महान गुरु घासीदास के वंशज हैं. उनके पिता बालदास साहेब भी समाज के प्रमुख व्यक्ति हैं. गुरू खुशवंत वर्तमान में अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष हैं. वह विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे.

राज्य में अनुसूचित जाति की संख्या लगभग 13 फीसदी है तथा विधानसभा की 90 सीट में से 10 सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इससे पहले दयालदास बघेल ही साय मंत्रिमंडल में सतनामी समाज का प्रतिनिधित्व करते थे. गुरं खुशवंत के मंत्री बनने के बाद इस समाज से दो मंत्री हो गए हैं.

वहीं, 47 वर्षीय गजेंद्र यादव दुर्ग शहर से पहली बार के विधायक हैं. उन्होंने राजनीति की शुरुआत वार्ड पार्षद से की है. यादव ओबीसी समाज से आते हैं. राज्य में यादव बड़ी संख्या में निवास करते हैं. माना जा रहा है कि जाति समीकरण को ध्यान में रखते हुए यादव को साय मंत्रिमंडल को जगह दी गई है.

गजेंद्र यादव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े हैं तथा उनके पिता बिसरा राम यादव राज्य में आरएसएस के प्रांत संघचालक रहे हैं. गजेंद्र यादव 2022 में भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं.

वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में यादव ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरुण वोरा को 48,697 मतों से पराजित किया. इस चुनाव में यादव को 97906 मत तथा वोरा को 49209 मत मिले. अरुण वोरा अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे स्वर्गीय मोती लाल वोरा के बेटे हैं.

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