B.Ed. Teachers Protest: बर्खास्त सहायक शिक्षकों को मुख्यमंत्री से मिला आश्वासन, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित

B.Ed Assistant Teachers Protest in Nava Raipur: अपनी खोई हुई नौकरी को दोबारा पाने के लिए संघर्ष कर रहे छत्तीसगढ़ के सहायक शिक्षकों के लिए सोमवार का दिन थोड़ा राहत लेकर आया. दरअसल, शिक्षकों के विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मुद्दे के हल करने की दिशा में कदम उठाते हुए एक कमेटी का गठन कर दिया.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

B. Ed. Teachers Protest in Chhattisgarh: पिछले दिनों बर्खास्त किए गए बीएड शिक्षकों और अभिभावकों द्वारा सेवा-सुरक्षा की मांग को लेकर तेलीबांधा में अनुनय यात्रा निकालने का प्रयास किया गया था. पुलिस बल द्वारा यह यात्रा बीच में ही रोक दी गई. इस दौरान शिक्षकों के नौ घण्टे तक सड़क पर ही बैठने के बाद सोमवार को सहायक शिक्षकों की प्रतिनिधि टीम को अधिकारियों द्वारा बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया.

मुख्यमंत्री और अधिकारियों से मिला आश्वासन

बर्खास्त बीएड शिक्षकों ने शिक्षा सचिव की उपस्थिति में प्रमुख सचिव सुबोध सिंह से मिलकर अपनी व्यथा सुनाई. इस मौके पर प्रमुख सचिव ने गम्भीरतापूर्वक मामले को संज्ञान में लेकर आचार संहिता के दौरान भी कमेटी के कार्यरत रहने और जल्द से जल्द समाधान निकालने का आश्वासन दिया. इधर, मुख्यमंत्री साय ने भी उक्त मामले पर बयान जारी करते हुए कहा कि हम नहीं चाहते कि किसी को नौकरी से निकाला जाए. हम बीएड योग्यता धारियों की बेहतरी चाहते हैं. इसलिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है.

Advertisement

ये हैं मांग

डेढ़ साल नौकरी करने के पश्चात बर्खास्त शिक्षकों की मांग है कि कमिटी जल्द से जल्द उनके पक्ष में सकारात्मक समाधान निकाला जाए और कमिटी की कार्यवाहियों में पारदर्शिता लाई जाए. न्यायालीन प्रकरण में अपनी सारी जमापूंजी लगा चुके इन शिक्षकों का कहना है कि नीति-निर्माताओं की चूक की सज़ा हमें न दी जाए. सरकार शीघ्र-अतिशीघ्र समायोजन की राह तलाश करें.

Advertisement

यह भी पढ़ें- GST अधिकारी के बेटे ने की 36 लाख की ठगी,  बिटकॉइन ट्रेडिंग का झांसा देकर ऐसे लगाया चूना

Advertisement

आचार संहिता के बाद जारी रहेगा आंदोलन

लगभग 29 सौ सहायक शिक्षक सेवा-सुरक्षा और समायोजन की मांग को लेकर पिछले 37 दिनों से धरने पर बैठे हैं. इस दौरान इन्होंने शासन के ध्यानाकर्षण हेतु पैदल मार्च, मुंडन, यज्ञ-हवन, जल समाधि, दण्डवत प्रणाम यात्रा, रक्तदान, सफाई अभियान आदि अनोखे तरीके अपनाये, लेकिन अब तक इन्हें सेवा-सुरक्षा हेतु कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया गया. इस बीच सोमवार को हुई बातचीत पर धन्यवाद ज्ञापित करते हुए शिक्षकों ने कहा कि मुख्यमंत्री के आश्वासन और आचार संहिता के परिपालन में फ़िलहाल तूता स्थल में आंदोलन को विराम दिया जा रहा है. वैधानिक नियमों के अंतर्गत संघर्ष जारी रहेगा. सकारात्मक विचार न किए जाने पर आंदोलन को गति प्रदान की जाएगी.

यह भी पढ़ें- गरियाबंद मुठभेड़ में मारे गए 20 नक्सली, चलपती के साथ मनोज-गुड्डू भी ढेर, पुलिस को बड़ी सफलता