आज आखिरी बार पुराने भवन में होगा छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र, 25 सालों की यात्रा को किया जाएगा याद

Chhattisgarh Assembly Special Session: छत्तीसगढ़ की स्थापना 1 नवंबर 2000 को हुई थी. वहीं राज्य की पहली विधानसभा के पहले सत्र की बैठक 14 दिसंबर 2000 से शुरू हुई, जो 19 दिसंबर तक चला. 

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Chhattisgarh Assembly: छत्तीसगढ़ विधानसभा (Chhattisgarh Assembly) के पुराने भवन में आज यानी मंगलवार को विशेष सत्र बुलाया गया है. यह सत्र बेहद खास होने वाला है, क्योंकि विधानसभा का शीतकालीन सत्र नए भवन में आयोजित किया जाएगा. इस विशेष सत्र के दौरान छत्तीसगढ़ के 25 साल के संसदीय इतिहास को याद किया जाएगा.

पुराने विधानसभा भवन को विदाई

छत्तीसगढ़ विधानसभा के पुराने भवन में आयोजित होने वाले विशेष सत्र का विषय ‘पच्चीस वर्षों की संसदीय यात्रा पर केंद्रित विषयों पर चर्चा' रखा गया है. इस सेशन के दौरान प्रदेश की 25 वर्षों की पॉलिटिकल, सोशल और अन्य क्षेत्रों में विकास यात्रा को याद किया जाएगा. इस दौरान सभी विधायक 25 वर्षों की यात्रा का अनुभव शेयर करेंगे.

4 मुख्यमंत्रियों का काल

छत्तीसगढ़ 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश से अलग होकर नया राज्य बना. यह देश के 26वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया. राज्य के गठन से लेकर अब तक 25 साल हो गए हैं. इस दौरान पांच बार 2003, 2008, 2013, 2018 और 2023 को विधानसभा चुनाव हुए. चार मुख्यमंत्री अजीत जोगी, डॉ रमन सिंह, भूपेश बघेल और विष्णुदेव साय का कार्यकाल देखा. दो बार कांग्रेस और चार बार बीजेपी सत्ता पक्ष में बैठी नजर आई.

छत्तीसगढ़ की स्थापना 1 नवंबर 2000 को हुई थी. वहीं राज्य की पहली विधानसभा के पहले सत्र की बैठक 14 दिसंबर 2000 से शुरू हुई, जो 19 दिसंबर तक चला.उस समय विधानसभा भवन तैयार नहीं हुआ था...इसलिए रायपुर के राजकुमार कॉलेज में टेंट लगाकर अस्थाई भवन बनाया गया.

जशपुर हॉल बना था छत्तीसगढ़ की संसदीय परंपरा का पहला साक्षी

तत्कालीन सरकार ने अस्थायी व्यवस्था के तहत राजधानी रायपुर के ऐतिहासिक राजकुमार कॉलेज परिसर को विधानसभा के पहले सत्र की मेजबानी के लिए चुना. जशपुर हॉल छत्तीसगढ़ की संसदीय परंपरा का पहला साक्षी बना. यहां कई ऐतिहासिक फैसले हुए... 14 दिसंबर 19 दिसंबर 2000 तक राजकुमार कॉलेज के जशपुर हॉल में आयोजित किया गया. वहीं 14 दिसंबर 2000 को ही राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल को सर्व सम्मति से विधानसभा का पहले अध्यक्ष निर्वाचित किए गए. हालांकि इससे पहले 2 नवंबर 2000 को विधानसभा का महेंद्र बहादुर सिंह को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था.

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