CGPSC Topper: 5वीं रैंक हासिल करने वाले पारस का जीवन संघर्ष, PSC की तैयारी कर रहे बच्चों को दी ये टिप्स

CGPSC Topper: पारस का जीवन संघर्षों से भरा रहा. पहले माता-पिता का निधन, फिर भाई को गंभीर बीमारी के कारण खो देना—इन गहरी चोटों ने उन्हें लगभग टूटने पर मजबूर कर दिया था. लेकिन दोस्तों के सहयोग और आत्मविश्वास के सहारे उन्होंने खुद को संभाला और वर्ष 2020 से पीएससी की तैयारी शुरू की. पहले प्रयास में जीएसटी अधिकारी, दूसरे में नायब तहसीलदार और तीसरे प्रयास में प्रदेश में पांचवां स्थान प्राप्त कर वे राज्य वित्त अधिकारी बने.

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CGPSC Topper: 5वीं रैंक हासिल करने वाले पारस का जीवन संघर्ष, PSC की तैयारी कर रहे बच्चों को दी ये टिप्स

CGPSC Topper Sucess Story: जशपुर (Jashpur) जिले के होनहार युवा पारस शर्मा ने राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा में प्रदेशभर में पांचवां स्थान हासिल कर जिले का मान बढ़ाया है. पीएससी (PSC) का नतीजा आते ही जैसे ही पारस जशपुर पहुंचे, नगरवासियों ने फूल-मालाओं, मिठाइयों और आतिशबाजी के साथ उनका भव्य स्वागत किया. पारस शर्मा फिलहाल बलरामपुर जिले के सामरी में नायब तहसीलदार के रूप में पदस्थ हैं और नौकरी के साथ तैयारी कर उन्होंने यह बड़ी उपलब्धि हासिल की है.

जशपुर में स्वागत

राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा घोषित परीक्षा परिणाम में जशपुर निवासी पारस शर्मा ने प्रदेश में पांचवां रैंक प्राप्त कर अपना और जिले का नाम गौरवान्वित किया है. आयोग ने उन्हें राज्य वित्त अधिकारी के पद पर नियुक्त किया है. रिजल्ट जारी होते ही जशपुर पहुंचे पारस का शहरवासियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया. मीडिया से बातचीत में पारस ने बताया कि वे सामरी में नायब तहसीलदार के पद पर कार्यरत रहते हुए तैयारी करते रहे. कठिन परिस्थितियों के बावजूद उनका जज्बा कभी नहीं टूटा.

जीवन का संघर्ष

पारस का जीवन संघर्षों से भरा रहा. पहले माता-पिता का निधन, फिर भाई को गंभीर बीमारी के कारण खो देना—इन गहरी चोटों ने उन्हें लगभग टूटने पर मजबूर कर दिया था. लेकिन दोस्तों के सहयोग और आत्मविश्वास के सहारे उन्होंने खुद को संभाला और वर्ष 2020 से पीएससी की तैयारी शुरू की. पहले प्रयास में जीएसटी अधिकारी, दूसरे में नायब तहसीलदार और तीसरे प्रयास में प्रदेश में पांचवां स्थान प्राप्त कर वे राज्य वित्त अधिकारी बने.

पीएससी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए संदेश देते हुए पारस ने कहा कि शुरुआत से ही गंभीर अध्ययन और पाठ्यक्रम की स्पष्ट समझ सफलता की कुंजी है. उन्होंने बताया कि अधिकांश प्रश्न एनसीईआरटी से पूछे जाते हैं और कोचिंग आवश्यक नहीं है. पारस ने स्वयं मुख्य परीक्षा बिना किसी कोचिंग के उत्तीर्ण की.

जशपुर के पारस शर्मा की यह उपलब्धि न केवल व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि संघर्षों के बीच हिम्मत और निरंतर प्रयास की प्रेरक मिसाल भी है.

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