धोखाधड़ी केस में बघेल के करीबी को नहीं मिली राहत, हाईकोर्ट ने बताया बड़ा मामला

CG News-  करोड़ों की धोखाधड़ी मामले में फंसे छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के करीबी केके श्रीवास्तव (KK Srivastava) की अग्रिम जमानत याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई. इस दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच ने केके श्रीवास्तव की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान तीखी टिप्पणी की.  

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CG News-  करोड़ों की धोखाधड़ी मामले में फंसे छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के करीबी केके श्रीवास्तव (KK Srivastava) की अग्रिम जमानत याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई. श्रीवास्तव पर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स में काम दिलाने के नाम पर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करने का आरोप है. इस दौरान छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच ने केके श्रीवास्तव की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान तीखी टिप्पणी की.  

चीफ जस्टिस ने कहा, "यह एक बड़े धोखाधड़ी का मामला है." उनकी यह टिप्पणी स्पष्ट रूप से इस बात को इंगित करता है कि अदालत ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि केस डायरी मिलने के बाद ही मामले की अगली सुनवाई होगी. इस मामले की पूरी जांच और साक्ष्यों की समीक्षा के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा. 

7 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

मामले में चीफ जस्टिस की बेंच में हुई सुनवाई के बाद अगली सुनवाई की तारीख 7 अक्टूबर को तय की गई है. इस तारीख को केस डायरी की उपलब्धता के आधार पर अदालत में आगे की कार्रवाई की जाएगी. श्रीवास्तव की जमानत याचिका पर निर्णय उस समय लिया जाएगा जब अदालत सभी आवश्यक दस्तावेजों और साक्ष्यों की समीक्षा कर लेगी. 

श्रीवास्तव पर क्या हैं आरोप? 

भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले केके श्रीवास्तव पर आरोप है कि उन्होंने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में काम दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी की. आरोप है कि उन्होंने कई लोगों से इस प्रोजेक्ट में शामिल होने के लिए बड़ी धनराशि ली, लेकिन प्रोजेक्ट में किसी को भी शामिल नहीं किया. यह मामला छत्तीसगढ़ में एक बड़े वित्तीय घोटाले के रूप में उभरकर सामने आया है, जिसमें कथित तौर पर उच्च स्तर के प्रभाव और शक्तियों का दुरुपयोग किया गया है. 

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श्रीवास्तव ने खुद को बताया निर्दोष 

श्रीवास्तव ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में अपनी अग्रिम जमानत याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि वे निर्दोष हैं और उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया गया है, लेकिन अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए फिलहाल उन्हें कोई राहत नहीं दी है. अदालत ने यह स्पष्ट किया है कि जब तक केस डायरी की पूरी जानकारी सामने नहीं आती, तब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सकता. 

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