Illegal Mining in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में हो रहे अवैध खनन (Illegal Mining) और इस अवैध खनन से हो रहे विवाद से निपटने के लिए गरियाबंद खनिज विभाग (Mineral Resources Department) ने नया तरीका अपनाया है. खनिज विभाग (Khanij Vibhag) के इस तरीके से अवैध खनन करने वालों के मंसूबों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. सिंघोरी और चौबे बांधा की रेत खदान में खनन (Sand Mining) को लेकर शासन की ओर से किसी तरह स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है, इसके बावजूद रेत माफिया (Sand Mafia) काफी लंबे समय से इस खदान से अवैध खनन को अंजाम दे रहे हैं. कई बार शिकयत के बाद जब खनिज अधिकारी (Mining Officer) गरियाबंद से यहां तक पहुंचते हैं तब तक मशीन और गाड़ियां दोनों ही मौके से गायब रहती हैं. इसके चलते खनिज विभाग की कार्यप्रणाली के ऊपर सवाल उठने लगे थे. इसी बात से परेशान खनिज अधिकारी ने गरियाबंद कलेक्टर के साथ मीटिंग के बाद इस अनोखे तरीके की कार्यवाही को अंजाम देना शुरू किया है.
क्या है उपाय?
खनिज अधिकारियों ने फिंगेश्वर ब्लाक के अंतर्गत आने वाली सिंघोरी और चौबे बांधा रेत खदान की निकासी मार्ग पर 25 फीट लंबी 4 फीट चौड़ी दीवार का निर्माण कर किया है.
इसी गांव में खनन माफियाओं के गुंडों ने चेहरे पर नकाब पहनकर खदान से वीडियो बनाकर निकल रहे युट्यूबर (YouTuber) और उसके साथी की दोपहिया वाहन को रास्ते मे रोककर गाली-गलौच करते हुए मारपीट की थी. जिसके बाद मीडिया ने इस अवैध खदान के संचालन और युट्यूबर के साथ हुई मारपीट को लेकर जिला प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे.
अधिकारी ने बताया अवैध खदानों पर अब इसी तरह की होगी कार्यवाही
गरियाबंद खनिज अधिकारी फगुलाल नागेश ने बताया कि सिंघोरी और चौबे बांधा रेत खदान पर जाने का रास्ता एक ही है और दोनों ही अवैध खनन को लेकर उनके द्वारा कई बार करवाई की गई है, लेकिन कार्रवाई होने के तुरंत बाद अवैध खनन करने वालों के द्वारा वहां पर फिर से उत्खनन शुरू कर दिया जाता था. इस सब को देखते हुए गरियाबंद कलेक्टर से इस बारे में चर्चा की गई और यह रास्ता निकाला गया कि अवैध खनन वाली खदानों पर निकासी वाले स्थान पर या तो दीवार खड़ी कर रास्ता ब्लॉक कर दिया जाएगा और जहां पर समतल जगह नहीं है, वहां पर मशीन से गड्ढा खुदवा कर रास्ते को ब्लॉक कर दिया जाएगा. ताकि रेत परिवहन करने वाले वाहन खदान में आना और जाना ही न कर सके.
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