शराब प्रेमी छुट्‌टे पर नहीं करेंगे बहस! छत्तीसगढ़ की शॉप में सिर्फ कैशलेस पेमेंट, जानिए क्यों आया ये फैसला

Chhattisgarh Liquor Case: अब सभी प्रीमियम वाइन शॉप में पीओएस मशीन (POS Machine) भी लगाई जाएगी. इससे ग्राहक अपने क्रेडिट (Credit Card) या डेबिट कार्ड (Debit Card) के जरिए भी शराब की खरीदी कर सकेंगे. इस तरह से यहां पेमेंट की पूरी व्यवस्था डिज‍िटल ट्रांजेक्शन (Digital Transaction) पर आधारित होगा. इससे ग्राहकों के समय की भी बचत होगी.

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Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ की सभी शराब दुकानों (Liquor Shops in Chhattisgarh) में सिर्फ कैशलेस पेमेंट (Cashless Payment) की व्यवस्था बनाई जा रही है. शुरुआत में पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के सभी प्रीमियम वाइन शॉप (Premium Wine Shop) में ये व्यवस्था लागू की जा रही है. पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में कथित रूप से हुए 560 करोड़ रुपये शराब घोटाले (Liquor Scam) में गड़बड़ी का प्रमुख आधार अधिकृत और अनाधिकृत बोतलों की अलग-अलग बिक्री को बताया गया है. कहीं न कहीं कैशलेस भुगतान की व्यवस्था को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. ताकि व्यवस्था में पारदर्शिता आए. इस फैसले के पीछे खुल्ले या चिल्लर की बहस को लेकर की जाने वाली मनमानी पर भी रोक लगने की बात कही गई है.

किसने शुरु की है ये व्यवस्था?

इस नई व्यवस्था को लेकर छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड (Chhattisgarh State Marketing Corporation Limited) ने ये कवायद की है. इसके तहत बैंकों (Banks) से अलग-अलग दुकानों के लिए क्यूआर कोड (QR Code) लिए जा रहे हैं. इसके बाद उन्हें संबंधित प्रीमियम शॉप (Premium Liquor Shop) के बाहर चस्पा किया जाएगा. शराब खरीदने वालों को इसे स्कैन करना होगा और पेमेंट करना होगा. इससे एक-एक बोतल की बिक्री का पूरा हिसाब मार्केटिंग कॉर्पोरेशन को मिलता रहेगा और किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका नहीं रहेगी.

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इस नई व्यवस्था का एक लाभ चिल्लर यानी खुल्ले या छुट्टे को लेकर बताई गई है. दरअसल, छुट्‌टे की समस्या की आड़ में कई दुकानदार मनमानी भी कर रहे थे. या तो चिल्लर के कारण ग्राहकों को लौटा दिया जाता था या फिर अतिरिक्त पैसे जमा कर लिए जाते थे. ये अतिरिक्त पैसा कर्मचारियों की जेब में चला जाता था. अब इस पर भी लगाम लगेगी.

POS से भी होगा पेमेंट

यही नहीं अब सभी प्रीमियम वाइन शॉप में पीओएस मशीन (POS Machine) भी लगाई जाएगी. इससे ग्राहक अपने क्रेडिट (Credit Card) या डेबिट कार्ड (Debit Card) के जरिए भी शराब की खरीदी कर सकेंगे. इस तरह से यहां पेमेंट की पूरी व्यवस्था डिज‍िटल ट्रांजेक्शन (Digital Transaction) पर आधारित होगा. इससे ग्राहकों के समय की भी बचत होगी.

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हर बिक्री का रहेगा हिसाब

छत्तीसगढ़ में कथित तौर पर हुए शराब घोटाले के मामले में ईडी (ED) ने जो आरोप लगाया है, उसके मुताबिक यहां सिंडिकेट लॉबी सक्रिय थी. इस गिरोह से मार्केटिंग कॉर्पोरेशन से लेकर आबकारी के अफसरों की भी मिलीभगत थी. शराब की सरकारी सप्लाई, परिवहन और बिक्री के समानांतर ही गिरोह द्वारा उपलब्ध कराई गई शराब को नकली होलोग्राम के माध्यम से इन शराब दुकानों में रखा जा रहा था. जितनी बिक्री अधिकृत शराब की होती थी, उतनी ही अनाधिकृत शराब की भी ब‍िक्री हो रही थी, ज‍िसका लाभ सीधे गिरोह को हो रहा था और सरकार को इसके एवज में करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था. अब जब कैशलेस पेमेंट होगा तो उपलब्ध शराब और उसकी बिक्री का पूरा हिसाब सीधे-सीधे हो सकेगा, जिससे गड़बडी की आशंका समाप्त हो जाएगी.

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600 से ज्यादा प्रीमियम शॉप

प्रदेश में प्रीमियम वाइन शॉप व्यवस्था की पूर्ववर्ती डाॅक्टर रमन सिंह (Raman Singh) की सरकार के दौर में शुरुआत हुई थी. कांग्रेस सरकार ने भी इस व्यवस्था को यथावत रखा था. इसके तहत प्रदेशभर में 600 से ज्यादा प्रीमियम वाइन शॉप खोले गए हैं. वहीं प्रदेशभर में सभी सरकारी शराब दुकानों से औसतन 35 लाख से ज्यादा की बिक्री होती है.

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