Today News Chhattisgarh: बीजापुर में भाजपा- कांग्रेस नेताओं की खींचतान के बीच अब कलेक्टर राजेंद्र कटारा फंस गए हैं. कांग्रेसी नेता पुरुषोत्तम सल्लूर के एक बयान ने नई बहस को जन्म दे दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो में कहा विधायक के कहने पर युवा आयोग के पूर्व सदस्य अजय सिंह पर जिला बदर की कार्रवाई हुई थी. इस बयान के बाद अब बीजापुर की राजनीति में एक बार फिर से बहस छिड़ गई है.
क्या है मामला?
युवा आयोग के पूर्व सदस्य और निष्कासित कांग्रेसी नेता अजय सिंह और विधायक विक्रम मंडावी के बीच कई महीनों से खींचतान चल रही थी. अपनी ही सरकार में रहकर अजय सिंह कई बार विधायक विक्रम पर कलेक्टर के साथ मिलकर क्षेत्र में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे हैं. बढ़ रहे मामले के बीच पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया था. इस बीच चुनाव के पहले बीजापुर के कलेक्टर ने युवा आयोग के पूर्व सदस्य अजय सिंह पर जिला बदर की कार्रवाई की थी. इस कार्रवाई पर अजय सिंह लगातार आरोप लगाते रहे कि यह कार्रवाई विधायक विक्रम के इशारे पर हुई है. अब डेढ़ महीने के बाद एक कांग्रेसी नेता ने भी इसका खुलासा कर दिया है.
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सोशल मीडिया पर सल्लूर ने क्या कहा?
सल्लूर ने सोशल मीडिया पर लाइव में कह दिया कि अजय का जिला बदर विधायक विक्रम के इशारे पर हुआ था. सल्लूर ने कांग्रेस से निष्कासित युवा आयोग के पूर्व सदस्य अजय सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए. अजय को आदतन अपराधी बताते सल्लूर ने उनके खिलाफ अपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी को सार्वजनिक करते हुए कहा कि अजय सिंह का मुख्य काम लोगों को डराना, धमकाना, ब्लेकमेल करना है.अजय पर 21 से अधिक अपराध दर्ज है. इनमें हत्या का प्रयास, हथियारों से लैस होकर डराना, धमकाना, मारपीट करना पेशा रहा है. सरकारी कर्मचारियों को डराना-धमकाना, सरकारी वाहन में आगजनी जैसे गंभीर मामलों में अजय संलिप्त रहे हैं.अजय के कृत्यों के मद्देनजर बीजापुर में शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए विधायक विक्रम मंडावी ने अजय को जिला बदर करवाया.
अजय बोले - एकतरफा कार्रवाई हुई
अब सल्लूर के इस बयान के बाद अजय सिंह ने कहा कि आखिरकार सच सामने आ ही गया. वे पिछले दो सालों से कहते आए हैं कि विधायक विक्रम और कलेक्टर राजेंद्र कटारा के मधुर संबंध रहे हैं.विधायक के ईशारे पर कलेक्टर कटारा बीजापुर जिले में बेखौफ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते रहे. जिसका वे लगातार विरोध कर रहे थे.अजय सिंह चुनाव आचार संहिता से पहले विधायक-कलेक्टर की अच्छी टयूनिंग के मददेनजर चुनाव में पक्षपात की आशंका जाहिर कर चुके थे. उनका यह विरोध जिलाबदर की वजह बनी. अजय अभी भी अपने आरोपों पर अडिग रहते हुए कहते हैं कि विधायक विक्रम के ईशारे पर मुझ पर एकतरफा कार्रवाई हुई है.
पूर्व मंत्री ने भी कलेक्टर पर लगाए आरोप
इधर पूर्व मंत्री भाजपा के महेश गागड़ा ने भी कलेक्टर को कांग्रेसी एजेंट बताते हुए निष्पक्ष चुनाव नहीं कराने का आरोप लगाया था. जिले में चल रहे तमाम विकास कामों की जांच कराने की बात उन्होंने कही और अफसरों को भी नसीहतें दी हैं.