Chhattisgarh Lok Sabha Elections 2024 : लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के लिए अपनी दावेदारी रखने वाले प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति (State Congress Working Committee) के सदस्य विष्णु यादव (Vishnu Yadav) ने तीन दिन पहले नामांकन फार्म खरीद कर पार्टी विरोध का संकेत दे दिया था. अब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Chief Minister Vishnudev Sai) की मौजूदगी में विष्णु यादव कांग्रेस (Congress) का दामन छोड़ BJP में शामिल हो गए हैं . इस दौरान विष्णु यादव के साथ बिलासपुर (Bilaspur), बेलतरा (Beltara), बिल्हा (Bilha) और मस्तूरी विधानसभा (Masturi Assembly) क्षेत्र के 30 से अधिक लोग BJP में शामिल हुए. लोकसभा चुनाव के शुरुआती दौर में बिलासपुर सीट (Bilaspur Lok Sabha Seat) के लिए विष्णु यादव और देवेंद्र यादव (Devendra Yadav) का नाम चर्चित था. लेकिन कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं ने मंथन के बाद भिलाई विधायक (Bhilai MLA) देवेंद्र यादव का नाम फाइलन कर दिया. कांग्रेस पार्टी के टिकट वितरण के बाद से ही बिलासपुर में प्रत्याशी देवेंद्र यादव को बाहरी बता कर विरोध के स्वर सुनाई और दिखाई दे रहे थे.
पतझड़ की तरह टूट रही कांग्रेस
टिकट वितरण के विरोध में पहले जगदीश कौशिक (Jagdish Kaushik) ने कांग्रेस कार्यालय (Congress Office) के बाहर लगभग 50 घंटे आमरण अनशन पर थे जिसे किसी तरह पार्टी नेताओं ने मना लिया. लेकिन टिकट दौड़ में शामिल विष्णु यादव ने आखिर बगावत का रास्ता चुना और BJP में शामिल हो गए. आज BJP प्रत्याशी तोखन साहू (Tokhan Sahu) की नामांकन रैली के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बिलासपुर पहुंचे हुए थे. यहां उनकी मौजूदगी में विष्णु यादव ने BJP प्रवेश किया. नामांकन रैली के बाद जगन्नाथ मंगलम (Jagannath Mangalam) में कार्यकर्ताओं को CM विष्णुदेव साय ने संबोधित भी किया. इस मौके पर डिप्टी सीएम अरुण साव (Deputy CM Arun Saw) ने कहा कि अब दो-दो विष्णु पार्टी के लिए काम करेंगे.
विष्णु यादव ने लगाए गंभीर आरोप
बता दें कि विष्णु यादव ने नामांकन फॉर्म खरीदने के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि बार-बार उनके साथ अन्याय हो रहा है. एक बार उनका नाम घोषित हो जाने के बाद टिकट में बदलाव कर दिया जाता है. वे पूर्व में एआईसीसी के डेलिगेट रह चुके हैं. बिलासपुर लोकसभा सीट से शुरू में विष्णु यादव को ही कांग्रेस से टिकट मिलने की चर्चा थी, लेकिन ऐन वक्त पर देवेंद्र यादव के नाम की घोषणा हो गई. इसके बाद से कांग्रेस में विरोध के स्वर सुनाई देने लगे.
दावेदारी के बाद नहीं मिला टिकट
विष्णु यादव तीन दिन पहले पूर्व पार्षद अखिलेश चंद्र और प्रदीप वाजपेयी ने भी कांग्रेस से नामांकन फॉर्म खरीदा था. विष्णु यादव की दावेदारी कितनी गंभीर थी. इसका इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है, कि विष्णु के नाम पर ही बिलासपुर से यादव समाज को प्रतिनिधित्व देने का निर्णय कांग्रेस आलाकमान ने लिया था. देखना होगा आने वाले समय में विष्णु यादव का कांग्रेस पार्टी छोड़ने और बीजेपी में शामिल होने से कांग्रेस पार्टी और प्रत्याशी देवेंद्र यादव की हार या जीत पर कितना असर पड़ता है.
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