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Rationalization: दो दशक बाद बीजापुर के 78 स्कूलों में गूंजेगा ककहरा, बंद पड़े विद्यालयों में पहली बार पहुंचे शिक्षक

Bijapur Schools: दो दशक बाद बीजापुर जिले के गुंडापुर, मुदवेंडी, हिरमगुंडा, बोटेतोंग, गुंजेपरती, जीड़पल्ली और मुरकीपाड़ जैसे दुर्गम और अतिसंवेदनशील इलाकों के स्कूल में ककहरा गूंजेगा. इन गांवों में अब शिक्षकों की नियमित आवाजाही शुरू होगी, जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी.

Rationalization: दो दशक बाद बीजापुर के 78 स्कूलों में गूंजेगा ककहरा, बंद पड़े विद्यालयों में पहली बार पहुंचे शिक्षक
first time teachers reached 78 schools of Bijapur district

Rationalization: शिक्षा के क्षेत्र में बीजापुर जिला एक ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ा है. राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के अंतर्गत जिले के 78 शिक्षक विहीन स्कूलों में अब नियमित शिक्षकों की तैनाती कर दी गई है. इससे न केवल शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि वर्षों से बंद पड़े स्कूलों में फिर से पढ़ाई होगी..

दो दशक बाद बीजापुर जिले के गुंडापुर, मुदवेंडी, हिरमगुंडा, बोटेतोंग, गुंजेपरती, जीड़पल्ली और मुरकीपाड़ जैसे दुर्गम और अतिसंवेदनशील इलाकों के स्कूल में ककहरा गूंजेगा. इन गांवों में अब शिक्षकों की नियमित आवाजाही शुरू होगी, जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी.

चिन्हांकित 198 अतिशेष शिक्षकों में से 189 शिक्षकों की नई तैनाती की गई

जिला शिक्षा कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार शासन के निर्देशों के अनुरूप युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. इसके तहत जिले में चिन्हांकित 198 अतिशेष शिक्षकों में से 189 शिक्षकों की नई पदस्थापना की गई है. इनमें 104 सहायक शिक्षक, 13 प्रधान अध्यापक (प्राथमिक), 45 शिक्षक, 31 प्रधान अध्यापक (माध्यमिक) व 5 व्याख्याता शामिल हैं.

दो दशकों से बंद पड़े 76 स्कूलों में पहली बार नियमित शिक्षक तैनात किए

गौरतलब है नई पदस्थापना के तहत 82 शिक्षक पूरी तरह शिक्षकविहीन स्कूलों में, 44 शिक्षक एकल शिक्षक वाले स्कूलों में और 63 शिक्षक सामान्य जरूरत वाले स्कूलों में भेजे गए हैं. विशेष बात यह है कि जिले के 76 ऐसे स्कूल जो दो दशकों से बंद पड़े थे, वहां अब पहली बार नियमित शिक्षक तैनात किए गए हैं.

एक उच्च माध्यमिक विद्यालय, जहां सभी व्याख्याता पद रिक्त थे, वहां अब हिंदी और सामाजिक अध्ययन विषयों के व्याख्याताओं की नियुक्ति कर दी गई है. इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी और स्कूल में विषयवार पढ़ाई सुनिश्चित की जा सकेगी.

वर्षों से सुनसान पड़े बीजापुर के स्कूलों में फिर से गूंजेंगी बच्चों की आवाज

उल्लेखनीय है सरकार की इस पहल से शिक्षा व्यवस्था को मिली मजबूती एक बड़ा बदलाव लेकर आई है. युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से यह साफ है कि सरकार बीजापुर जैसे दूरस्थ और संवेदनशील जिलों में भी शिक्षा को प्राथमिकता दे रही है. वर्षों से सुनसान पड़े स्कूलों में अब फिर से बच्चों की आवाजें गूंजेंगी.

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