
Durg News: छत्तीसगढ़ के वैशाली नगर (Vaishali Nagar) से भाजपा (BJP) विधायक रिकेश सेन (Rikesh Sen) पर उनके ही वार्ड के एक युवक ने गंभीर आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि उसे सोशल मीडिया (Social Media) पर नेगेटिव प्रचार करवाने के लिए रखा गया था, लेकिन 17 महीने तक काम लेने के बाद वेतन नहीं दिया.
भिलाई के गौतम नगर निवासी अली हुसैन सिद्दीकी ने दावा किया है कि उन्हें विधायक ने बाकायदा 15 हज़ार प्रति माह की नौकरी पर रखा था. उन्होंने रिकेश सेन की आलोचना करने का काम दिया गया था, ताकि वे चर्चा में बने रहें और वे विरोधियों की नजरों में प्रासंगिक रहें.
सुदामा कहकर बुलाया, फिर बोला ये भी जुमला था
अली सिद्दीकी का आरोप है कि विधायक उनके बचपन के मित्र हैं और उन्होंने भरोसे के आधार पर उन्हें काम पर रखा, लेकिन जब वेतन मांगा, तो भावनात्मक बातों से टालते रहे. कहते थे-अली मेरे सुदामा चिंता मत करो, पैसे मिलेंगे. लेकिन जब 2.55 लाख की बकाया सैलरी मांगी, तो कहा कि ये भी तो 15 लाख वाली बात जैसा ही जुमला था.
वीडियो जारी कर किया दावा
अली सिद्दीकी ने एक वीडियो जारी कर दावा किया है कि उन्हें सिर्फ इसलिए हायर किया गया था, ताकि वह सोशल मीडिया पर विधायक के खिलाफ पोस्ट करें. इसका मकसद था, शहर के विरोधियों से कनेक्ट बनाना और प्रचार में रहना. उन्होंने खुद कहा था-मेरी आलोचना बंद हो गई थी, तो मैं टेंशन में आ गया था. इसलिए मैंने तुझे हायर किया.
पीएम मोदी तक पहुंची शिकायत
इस पूरे मामले को लेकर अली ने सहायक श्रम आयुक्त, दुर्ग से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को लिखित शिकायत भेज दी है. उसने मांग की है कि 17 महीने की बकाया राशि 2,55,000 दिलाई जाए और उसे न्याय मिले.
विधायक ने कहा “आलोचक हायर किया था”
आपको बता दें की कुछ दिन पहले एक मीडिया बातचीत में विधायक रिकेश सेन ने यह बात कही थी कि उन्होंने एक युवक को हायर किया था, ताकि उनकी आलोचना की जा सके. उन्होंने कहा कि जब मेरी आलोचना बंद हो गई थी, तब टेंशन में आ गया था. इसलिए एक लड़के को 15,000 में रखा कि वो मेरी ही आलोचना करता रहे. उन्होंने यह भी कहा था कि शहर के जो विरोधी सामने नहीं आते, वे उस लड़के से संपर्क कर उसे सुझाव देते थे कि क्या लिखना है.
विधायक से संपर्क नहीं हो सका, मीडिया प्रभारी ने दी सफाई
इस पूरे मामले पर विधायक रिकेश सेन से फोन पर संपर्क नहीं हो पाया. उनके मीडिया प्रभारी संतोष मिश्रा ने कहा, “विधायक दिल्ली में हैं, आरोप लगाने वाला व्यक्ति सिद्दीकी के सारे आरोप निराधार हैं. यदि वो विधायक के कर्मचारी थे, तो जॉइनिंग लेटर, कॉल रिकॉर्ड या ऑफिस विजिट का कोई सबूत दें. हम उनके खिलाफ FIR दर्ज कराने की प्रक्रिया में हैं.”