Bilaspur Train Collission: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में हुए बड़े ट्रेन हादसे में अब तक कुल 11 रेल यात्रियों की जान जाने की खबर है. हादसा इतना बड़ा था कि दुर्घटना की शिकार हुईं ट्रेन की बोगियों आसमान में उछल गईं. हादसे के वक्त मौजूद चश्मदीदों ने हादसे के बाद का मंजर सुनकर किसी की भी रूह कांप जाएगी.
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छोटी-सी यात्रा में कई यात्रियों बड़ा दर्द दे गया हादसा
गौरतलब है करीब 90 किमी की यात्रा करने गेवरा रोड–बिलासपुर मेमू लोकल ट्रेन मंगलवार को करीब शाम 4 बजे गतोरा स्टेशन के आसपास मालगाड़ी से टकरा गई. टक्कर इतनी जोरदार थी कि ट्रेन की बोगियों के परखच्चे उड़ गए. हादसे में अब तक 11 यात्रियों की मौत हो चुकी है. इस छोटी-सी यात्रा में कई यात्रियों बड़ा दर्द दे गया है.
भयानक था मेमू ट्रेन की मालगाड़ी से टक्कर का मंजर
चश्मदीद संजीव विश्वकर्मा बताते हैं कि जब मेमू ट्रेन की मालगाड़ी से टक्कर हुई तो मंजर बहुत भयानक था. उन्होंने बताया कि टक्कर इतनी भयानक थी कि मेमू ट्रेन का पहला डिब्बा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और अन्य डिब्बों में अफरा-तफरी मच गई. चारो ओर से चीख-पुकार और रुदन सुनाई पड़ने लगा.
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'फिर कुछ देर के लिए मेरे सामने अंधेरा छा गया'
रिपोर्ट के मुताबिक अपनी ससुराल अकलतरा से लौट रहे बिलासपुर के संजीव विश्वकर्मा ने बताया, ‘‘मैं पहली बोगी में बैठा था, जहां करीब 16-17 यात्री थे. इनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल थे. संजीव ने बताया कि अचानक, गतोरा से लगभग 500 मीटर आगे ट्रेन जोर से हिली और किसी चीज से टकरा गई, फिर कुछ देर के लिए मेरे सामने अंधेरा छा गया.
आंखें खोली, तो खुद को सीट के नीचे फंसा पाया
बकौल संजीव विश्वकर्मा, ‘जब मैंने आंखें खोलीं, तो मैंने खुद को सीट के नीचे फंसा पाया. लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे. मेरी बोगी मालगाड़ी के डिब्बों पर चढ़ गई थी. मेरे सामने लाशें थीं. बच्चे के साथ सफर कर रही एक महिला समेत तीन लोगों की मौत हो चुकी थी. आसपास कई शव क्षत-विक्षत हालत में थे.
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रायपुर जाने के लिए मोहन शर्मा ने पकड़ी मेमू ट्रेन
एक अन्य चश्मदीद मार्केटिंग व्यवसाय से जुड़े रायपुर निवासी मोहन शर्मा ने बताया कि उन्होंने चांपा स्टेशन से ट्रेन पकड़ी थी. मोहन शर्मा ने कहा, ‘मैं रायपुर जाने के लिए लिंक एक्सप्रेस से सफर करने वाला था, लेकिन ट्रेन लेट थी, इसलिए मैंने यह लोकल ट्रेन पकड़ ली. बाद में सोचा कि जल्दी बिलासपुर पहुंचकर दूसरी ट्रेन से रायपुर चला जाऊंगा.
ट्रेन की रफ्तार कम होती, तो कैजुअल्टी कम होती
मोहन शर्मा ने बताया कि वो ट्रेन में अपनी सीट पर बैठकर मोबाइल फोन देख रहे थे, तभी जोर का झटका लगा और मैं फर्श पर गिर गया. बाहर झांका तो देखा मेमू ट्रेन की पहली बोगी मालगाड़ी पर चढ़़ी हुई थी. हादसे में मेरा पैर फंस गया था, रेलवे कर्मचारियों ने बड़ी मुश्किल से उसे बाहर निकाला. मोहन ने कहा, ट्रेन की रफ्तार कम होती, तो कैजुअल्टी कम होती.