छत्तीसगढ़ में कोचिंग सेंटर्स के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 4 को प्रशासन ने किया सील, जानें क्या है वजह?

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में कोचिंग सेंटर्स के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. अव्यवस्था के बीच कोचिंग सेंटर संचालन करने पर तीन सेंटर्स को सील कर दिया गया है. 

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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 कोचिंग सेंटर्स को सील कर दिया है. प्रशासन की टीम ने जब जांच की तो कई सारी खामियां मिलीं. इसके बाद ये कार्रवाई की गई है. शहर के तीन कोचिंग सेंटर्स को सील करने की कारवां के बाद हड़कंप मच गया है. 

सुरक्षा मानकों का किया जा रहा था उल्लंघन

बिलासपुर जिला प्रशासन और नगर निगम ने संयुक्त टीम ने शहर में संचालित चार कोचिंग सेंटरों में अव्यवस्था पाए जाने पर सील कर दिया है.कलेक्टर अवनीश शरण और नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार ने शहर में संचालित सभी कोचिंग सेंटरों को सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के सख्त निर्देश दिए थे. इसके बावजूद सुरक्षा मानकों का उल्लंघन पाया गया. जिस पर जिला प्रशासन और निगम की टीम ने निरीक्षण के बाद ऐसे चार कोचिंग सेंटरों और लाइब्रेरी पर कार्रवाई करते हुए सील कर दिया है. 

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जिला प्रशासन की इस कार्रवाई में शहर में संचालित प्रीमियम एकेडमी,कॉम्पिटिशन कम्यूनिटी,लाइब्रेरी और गांधी चौक स्थित सिद्धी विनायक कोचिंग सेंटर को सील किया गया है. सुरक्षा मानकों का उल्लंघन कर और भवन अनुज्ञा के नियमों के विपरीत कोचिंग संस्थानों को चलाया जा रहा था. 

बिलासपुर में संचालित विभिन्न कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा मानकों की जांच के लिए बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने एसडीएम के अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई थी.

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इस कमेटी में एसडीम बिलासपुर अध्यक्ष थे और एडिशनल एसपी शहर अपर आयुक्त नगर पालिका निगम, होमगार्ड के डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट, अपर संचालक उच्च शिक्षा सदस्य थे. पांच बिंदुओं में जांच करने के निर्देश दिए गए थे.

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कार्रवाई को लेकर उठ रहे सवाल

शहर में लगभग सैकड़ों की तादाद में कोचिंग सेंटर संचालित किए जा रहे हैं. जिसके लिए नियमतः नगर निगम से अनुमति की आवश्यकता होती है. अब सवाल यह उठता है कि अगर नगर निगम ऐसे कोचिंग सेंटरों को संचालित करने अनुमति देती है तो क्या वह सुरक्षा व्यवस्था के पालन के लिए सुरक्षा मानकों की जांच किए बिना ही कोचिंग सेंटरों को अनुमति दे देती है..? सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम को लंबे समय से संचालित हो रहे कोचिंग संस्थानों में यह खामियां पहले क्यों नहीं मिलीं?  सुरक्षा मानकों में कमी होने के बाद भी संचालक बेपरवाह होकर अपना संस्थान चला रहे थे. 

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