Chhattisgarh: बताइए स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी चला रहा था क्लीनिक! 4 झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक सील

Chhattisgarh News:कोटा तहसीलदार प्रकाश साहू के नेतृत्व में राजस्व और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापामार शैली में दबिश देकर कार्रवाई की. कोटा में गुरुद्वारा के पीछे संचालित मरावी क्लीनिक और महाशक्ति चौक में संचालित विश्वास क्लीनिक की जांच की गई. दोनों ही क्लीनिक में भारी मात्रा में एलोपैथी दवाईयां और इंजेक्शन पाए गए.

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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर जिले (Bilaspur) के कोटा में  झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा क्लीनिक संचालित किया जा रहा है. जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने 4 अवैध क्लीनिकों पर कार्रवाई की है. जांच के बाद 4 क्लीनिक सील कर दिए गए हैं. इसमें टेंगनमाड़ा के दीपक के गुप्ता क्लीनिक और करगी कला के चिरंजीत विश्वास क्लीनिक के साथ ही कोटा में भी संचालित विश्वास क्लीनिक और मरावी क्लीनिक शामिल हैं. वहीं मरावी क्लीनिक का संचालक देवशंकर मरावी है, जो कि शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोटा में क्लर्क पद पर कार्यरत है. कलेक्टर अवनीश शरण ने इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रखने के निर्देश दिए हैं.

छापामार शैली में की गई कार्रवाई

कोटा तहसीलदार प्रकाश साहू के नेतृत्व में राजस्व और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापामार शैली में दबिश देकर कार्रवाई की. कोटा में गुरुद्वारा के पीछे संचालित मरावी क्लीनिक और महाशक्ति चौक में संचालित विश्वास क्लीनिक की जांच की गई. दोनों ही क्लीनिक में भारी मात्रा में एलोपैथी दवाईयां और इंजेक्शन पाए गए. मौके पर जांच के दौरान मरीजों की लंबी कतार देखी गई. विश्वास क्लीनिक में इलाज कराने आए धनरास के ग्रामीण विशंभर सिंह को कुल 713 रुपए की दवाई देकर 1300 रूपए वसूला गया. जिसे तहसीलदार द्वारा वापस कराया गया. इसी प्रकार मरावी क्लिनिक के संचालक देवशंकर मरावी हैं, जो शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा में क्लर्क के रूप में पदस्थ हैं. इनके द्वारा भी भारी मात्रा में एलोपैथी दवाईयां रखकर इलाज किया जा रहा था. बिना डिग्री के इलाज और भारी मात्रा में भंडारित एलोपैथी दवाइयों और इंजेक्शन के कारण उक्त क्लीनिक को तहसीलदार कोटा द्वारा सील किया गया है.

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मलेरिया और डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ी

जिले में पिछले एक महीने से अलग-अलग क्षेत्र में डायरिया और मलेरिया के मरीजों की संख्या बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग की परेशानी बढ़ गई है. हाईकोर्ट के स्वतः संज्ञान लेने के बाद जिला प्रशासन भी चौकन्ना हो गई है. डायरिया से जिले में एक मरीज की मौत के बाद चार मलेरिया मरीजों की मौत हो चुकी है. जिसके बाद प्रभावित सभी क्षेत्रों में हाई अलर्ट जारी किया गया है.

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