Bilaspur: सिम्स प्रबंधन की मनमानी, 20 साल से कार्यरत 9 कर्मचारियों को बिना नोटिस के हटाया

CIMS Bilaspur: बिलासपुर सिम्स प्रबंधन ने अपने 9 कर्चारियों को बिना किसी नोटिस के ही रिलीव कर दिया है. ये कर्मचारी पिछले 20 साल से सिम्स में कार्यरत हैं.

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Chhattisgarh Institute of Medical Science, Bilaspur: बिलासपुर सिम्स प्रबंधन (CIMS Management) की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही है. सिम्स प्रबंधन ने पिछले 20 वर्षों से कार्यरत 10 कर्मचारियों को बिना बताए और बिना नोटिस के रिलीव कर दिया है. परेशान कर्मचारी कभी सीएमएचओ कार्यालय (CMHO) तो कभी सिम्स के चक्कर काट रहे है. इसमें से कुछ ऐसे कर्मचारी हैं जो एक दो महीने में रिटायर होने वाले हैं, जबकि कुछ कर्मचारी बीमारी से पीड़ित हैं. सिम्स प्रबंधन ने हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) का हवाला देते हुए बुजुर्ग कर्मचारियों को धक्के खाने के लिए छोड़ दिया है, जबकि हाईकोर्ट (CG High Court) ने रिलीव करने जैसा कोई आदेश ही नहीं दिया है.

बता दें कि बिलासपुर में सिम्स की स्थापना वर्ष 2003 में हुई थी. इससे पहले यहां जिला अस्पताल और उसके कर्मचारी थे. सिम्स के आने के बाद कुछ कर्मचारी यहीं रहे, जबकि कुछ नए जिले में शिफ्ट हो गए. इसके बाद सिम्स ने वर्ष 2011 में इन कर्मचारियों को रिलीव करने का आदेश जारी किया. इस आदेश को चुनौती देते हुए कर्मचारियों ने हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर लिया. तब से अभी तक सभी कर्मचारी लगातार सिम्स में सेवाएं दे रहे थे. इन कर्मचारियों में से कुछ का निधन भी हो चुका है.

कर्मचारियों को निकालना गलत नहीं : डीन

वहीं इस पूरे मामले को लेकर सिम्स के डीन डॉ केके सहारे का कहना है कि कर्मचारियों को निकालना गलत नहीं है. उन्होंने ये भी बताया कि कर्मचारियों के संबंध में शासन से आदेश नहीं लिया गया है. शासन से मिले आदेश और कोर्ट से स्टे हटने के बाद ही सिम्स में कार्यरत कर्मचारियों को हटाकर सीएमएचओ कार्यालय भेजा गया है.

CMHO और CIMS के बीच फंसे कर्मचारी

बताया जा रहा है कि वर्ष 2011 में मिले स्टे के बाद अगली सुनवाई में कर्मचारियों द्वारा पेपर बुक जमा नहीं किए जाने पर हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया. अब इस आदेश को लेकर सिम्स प्रबंधन ने 10 कर्मचारियों को सीएमएचओ कार्यालय के लिए रिलीव कर दिया. सिम्स के आदेश को लेकर कर्मचारियों ने सीएमएचओ में ज्वाइनिंग लेनी चाही, लेकिन सीएमएचओ कार्यालय ने रिक्त पद नहीं होने की बात कहते हुए उन्हें वापस सिम्स भेज दिया. अब इन कर्मचारियों को न तो सिम्स रख रहा है और न ही सीएमएचओ कार्यालय रख रहा है. सिम्स और सीएमएचओ कार्यालय के बीच ये कर्मचारी पिस रहे हैं और सरकार से न्याय की गुहार लगा रहे हैं. 

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रिलीव के लिए सरकार से नहीं लिया निर्देश

जनवरी महीने में स्टे हट जाने के बाद सिम्स प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों को हटाने का आदेश दिया गया है. ऐसे में 6 महीने तक प्रबंधन ने राज्य सरकार से अभिमत और आदेश लेने के लिए पत्राचार भी नहीं किया. जबकि कर्मचारियों को हटाने के संबंध में शासन से स्पष्ट निर्देश नहीं दिया गया है. ऐसे मामलों में कर्मचारियों को हटाने का आदेश शासन स्तर पर दिया जाता है. जिन कर्मचारियों को सिम्स प्रबंधन ने 28 जून को हटाया है उनमें स्वास्थ्य सहायक, लैब असिस्टेंट, एएनएम, डार्क रूम, अटेंडेट, कुक, मेस सर्वेंट और क्लीनर जैसे कर्मचारी शामिल हैं.

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