Chhattisgarh: भ्रष्टाचार का कीड़ा आदमी को जीते जी तो खाता ही है, लेकिन मरने के बाद भी वो आदमी का पीछा छोड़ता नहीं दिख रहा है. भ्रष्टाचारियों के लिए इंसान जिंदा हो या मरा हो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. उनकी मानवीय संवेदना बिल्कुल मरी हुई होती है. ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) से सामने आया है. यहां के जिला अस्पताल में कर्मी पोस्टमार्टम के लिए पीड़ित परिजनों से पैसे की मांग कर रहे थे. जी हां रिश्वतखोर और भ्रष्टाचार करने वाले लोग जिंदा तो जिंदा मरे हुए इंसान भी नहीं बख्श रहे हैं. एक तो परिजन अपने परिवार के सदस्य की जान जाने से दुखी थे उसके बाद इस जैसी घटना अगर घटित होती है तो कहीं ना कहीं मानवीय संवेदना को शून्य माना जाना चाहिए.
अस्पताल प्रबंधन पर लगाया वसूली का आरोप
इसके बाद पीड़ित परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर अवैध वसूली और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया. पीड़ित परिजनों और अस्पताल कर्मचारियों के साथ विवाद की स्थिति भी बन गई थी. बाद में पुलिस ने आकर मामला शांत कराया. दरअसल 23 मई की रात अकलतरा निवासी व पूर्व जनपद अध्यक्ष रामचंद्र चंद्राकर और उनका परिवार रायपुर-बिलासपुर नेशनल हाईवे 130 मार्ग से तख़तपुर से परसदा (अकलतरा) वापस आ रहे थे. रात में करीब साढ़े बारह बजे अज्ञात लोगों ने लूट की नीयत से कार में पथराव कर दिया.
6 दिन के बाद तोड़ दिया अस्पताल में दम
हमले में कार का शीशा टूट गया और पत्थर अंदर बैठे पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष के गाल और कान पर लगे. जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो गए. परिजनों ने घायल व्यक्ति को निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां 6 दिन हुए इजाल के बाद मरीज ने दम तोड़ दिया. उसके बाद जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में बॉडी के पोस्टमार्टम के लिए पैसे की मांग की गई.
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