NMDC को इस मामले में हेराफेरी करना पड़ा काफी भारी, लग गया 1600 करोड़ रुपये का जुर्माना, जानें वजह

BIG Action On NMDC: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले से एनएमडीसी(NMDC) को लेकर बड़ी खबर है. बता दें, एनएमडीसी पर रॉयल्टी में हेराफेरी के नाम पर 1600 करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया गया. जुर्माने की राशि को जमा करने के लिए जिला प्रशासन ने 15 दिन का समय दिया है. जानें आखिर क्या है पूरा मामला.

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CG Big Breaking News: छत्तीसगढ़ समेत देशभर में  लौह अयस्क खनन के लिए चर्चित एनएमडीसी पर भारी भरकम जुर्माने की खबर आई है. बता दें,एनएमडीसी को रॉयल्टी मामले पर हेराफेरी करना भारी पड़ गया. शुक्रवार को जैसे ही अरबों रुपये की जुर्माने की खबर आई तो एनएमडीसी में हड़कंप मच गया. ये जुर्माना जिला प्रशासन दंतेवाड़ा ने लगाया है.

जानें कुल कितनी है जुर्माने की राशि

दंतेवाड़ा कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने बैलाडीला में  लोह अयस्क खनन के लिये लगी एनएमडीसी प्रोजेक्ट पर खनन नियमों के उलंघन के मामले में 16 अरब, 20 करोड़, उनचास लाख, बावन हजार, चार सौ, बयासी रुपये की पेनॉल्टी लगाई गई है.इस राशि को 15 दिनों के भीतर जमा करने की मियाद जिला प्रशासन ने दिया है, जिसके लिये कलेक्टर ने अधिशासी निदेशक मेसर्स एनएमडीसी लिमिटेड को एक पत्र भी जारी किया है.

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इस केस में 9 अगस्त को पेश की गई थी रिपोर्ट

दरअसल एनएमडीसी द्वारा किरंदुल तहसील के बड़े बचेली में खदान नंबर 14 में जहां खनन क्षेत्र 322.368 हेक्टेयर रकबा है. वहीं, डिपाजिट नंबर 14 एमएनजेड 506.742 रकबा है,  वहीं खदान नंबर 11 में 874.924 हेक्टयर रकबा पर लोह अयस्क खनन में उत्खनन परिवहन और भंडारण नियम का पालन नहीं किया जा रहा था, जिसके लिये खनिज निरीक्षक दंतेवाड़ा द्वारा एक जांच की गई थी. इस मामले की रिपोर्ट 9 अगस्त को पेश की गई थी.इस जांच रिपोर्ट के आधार पर मेसर्स एनएमडीसी लिमिटेड को प्रशासन ने 12 अगस्त को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसके बाद एनएमडीसी द्वारा संतोषप्रद जवाब नहीं दिया गया.

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इसके बाद प्रशासन ने छत्तीसगढ़ खनन 2009 नियम में धारा (4)(1) का उलंघन का मामला का तैयार करते हुए उत्खनन,परिवहन एवं भंडारण में अनियमितता का हवाला देते हुए अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई कर दी है.

प्रशासन ने दिया अल्टीमेटम 

जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय दंतेवाड़ा.

दरअसल एनएमडीसी द्वारा लगातार कई वर्षों से लोह अयस्क का खनन दंतेवाड़ा जिले के बैलाडीला क्षेत्र में किया जा रहा है.पर जिस तरह से प्रशासन ने अल्टीमेटम दिया है. तो निश्चित ही आने वाले समय मे एनएमडीसी को खनन करने में दिक्कत होगी. इस मामले पर कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने कहा कि खनन नियमों के उलंघन पर यह कार्रवाई की गई है.समय पर यदि रॉयल्टी नहीं पटी तो आगे भी कार्रवाई को बढ़ाया जाएगा.

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जानें क्या है NMDC का काम

NMDC का पूरा नाम राष्ट्रीय खनिज विकास निगम है. यह भारत की एक प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है, जो खनिजों के उत्पादन और खनन में लगी हुई है. कंपनी का मुख्य फोकस लौह अयस्क पर है, लेकिन यह अन्य खनिजों जैसे तांबा,रॉक फॉस्फेट,चूना पत्थर आदि का भी उत्पादन करती है.

जुर्माने के पीछे ये हैं कारण

खनिज भंडारण नियमों का उल्लंघन: जांच में पाया गया है कि NMDC ने खनिज भंडारण के नियमों का उल्लंघन किया है.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को खनिज रॉयल्टी का अधिकार देते हुए एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. NMDC द्वारा इस फैसले के अनुरूप रॉयल्टी का भुगतान न करने या भंडारण नियमों का पालन न करने के कारण यह जुर्माना लगाया गया है.

इनके बीच बिगड़ सकती है बात

  • यह जुर्माना NMDC के वित्तीय स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकता है.
  • यह मामला राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच तनाव पैदा कर सकता है.
  • यह मामला स्थानीय लोगों के जीवन पर भी प्रभाव डाल सकता है, खासकर उन लोगों के जो खनन गतिविधियों से प्रभावित हैं.
  • यह मामला खनन उद्योग में सुधार लाने के लिए एक अवसर भी प्रदान करता है.सरकार को खनन नियमों को और अधिक सख्त बनाना चाहिए और खनन कंपनियों को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए.

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एक्शन का ये हो सकता है असर

राज्य सरकारों को शक्ति: यह फैसला राज्य सरकारों को खनन कंपनियों पर नजर रखने और नियमों का सख्ती से पालन कराने में सक्षम बनाता है.
NMDC पर दबाव: इतनी बड़ी राशि का जुर्माना NMDC के लिए एक बड़ा आर्थिक झटका है. यह कंपनी को अपने खनन कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए मजबूर करेगा.
खनन उद्योग पर प्रभाव: यह मामला पूरे खनन उद्योग के लिए एक चेतावनी है कि उन्हें खनन नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा. भविष्य में इस तरह के उल्लंघन के लिए कड़ी कार्रवाई हो सकती है.

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