BSP Steel for Indian Navy: स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) के भिलाई स्टील प्लांट (BSP) ने स्ट्रैटेजिक डिफेंस सामग्रियों के विकास में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है. संयंत्र ने विशेष रूप से एस5 श्रेणी के परमाणु ऊर्जा चालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों (SSBN) के लिए डिजाइन की गई अगली पीढ़ी के स्टील के निर्माण का बीड़ा उठाया है. एस5 श्रेणी की पनडुब्बी भारतीय परमाणु ऊर्जा (Indian Nuclear Energy) चालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों (Ballistic Missile Submarine) की एक नियोजित श्रेणी है, जिसका विकास वर्तमान में भारतीय नौसेना (Indian Navy) के लिए किया जा रहा है.
इसके लिए बनने वाला खास स्टील फिलहाल कई सालों तक चलने वाले टेस्टिंग स्टेज (Testing Stage) पर है. इसके पूरा होने के बाद यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि खास स्टील पानी के नीचे के अनुप्रयोगों के लिए आवश्यक कठोर प्रदर्शन आवश्यकताओं को पूरा कर लेगा.
खुद में बहुत खास है एस5 न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन (S5 Nuclear Ballistic Missile Submarine)
टेस्ट खत्म होने के बाद और स्टील के उपयोग के लिए मंजूरी मिलने के बाद, बीएसपी में बनने वाले इस खास स्टील को एस5 श्रेणी के एसएसबीएन के निर्माण में किया जाएगा. इन पनडुब्बियों के बारे में बताया जाता है कि यह आकार में बहुत विशालकाय होते हैं. साथ ही, इनका अनुमानित जलमग्न विस्थापन 12,000 टन से अधिक होता है और लंबाई लगभग 150 मीटर की होती है.
भारत में इन सब्मरीन्स का इतिहास और भविष्य (Nuclear Ballistic Missile Submarine in India)
एस5 श्रेणी की इन खास पनडुब्बियों की परियोजना का मूल्यांकन भारत सरकार ने 2006 में किया था. जिसके बाद 2027 तक इनका उत्पादन शुरू होने की उम्मीद जताई गई है. ये पनडुब्बियां भारत की रक्षा रणनीति का अहम हिस्सा है. उम्मीद है कि इनके आने के बाद सेकेंड स्टेज स्ट्राइक में बड़ी सहायता मिलेगी. एस5-श्रेणी भारत की परमाणु निवारक की तिकड़ी में योगदान देगी, जिसमें भूमि-आधारित मिसाइल, स्ट्रैटेजिक बॉम्बर और एसएसबीएन शामिल हैं.
इस तरह का होगा BSP का खास स्टील (BSP Special Steel for Nuclear Ballistic Missile Submarine)
परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा विकसित की गई अगली पीढ़ी के स्टील को आधुनिक पनडुब्बी निर्माण की विशिष्ट मांगों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है. हालांकि, इस नए स्टील की संरचना और गुणों के बारे में आधिकारिक विवरण फिलहाल गोपनीय रखी गई है. फिलहाल इसको लेकर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि पानी के नीचे के अनुप्रयोगों के लिए यह स्टील प्रदर्शन आवश्यकताओं को पार कर लेगा.
मौजूदा सामग्रियों की तुलना में, इस नए स्टील वैरिएंट में बेहतर ताकत, जंग प्रतिरोधक क्षमता और दीर्घायु होने के लिए तैयार किया गया है. इस स्टील के लिए विकास प्रक्रिया INS विक्रांत विमानवाहक पोत में इस्तेमाल किए जाने वाले स्टील की तुलना में अधिक व्यापक है, जो गुणवत्ता और प्रदर्शन में महत्वपूर्ण उन्नति का संकेत देती है.
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आईएनएस विक्रांत से भी अधिक मजबूत स्टील का निर्माण (INS Vikrant Inspired Steel in BSP)
इस स्टील का विकास सेल-भिलाई की प्रमुख रक्षा परियोजनाओं में योगदान देने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जो INSविक्रांत के लिए बनाए गए विशेष स्टील प्लेटों के बाद है. पनडुब्बी स्टील के लिए परीक्षण INS विक्रांत में उपयोग किए जाने वाले स्टील की तुलना में दस गुना अधिक कठोर तरीके से किया जा रहा है. यह परियोजना भारत के रक्षा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और इसकी समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है.
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